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'पटाखों पर प्रतिबंध का पालन क्यों नहीं किया गया?', सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस से पूछा

Supreme Court News : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार और पुलिस से पूछा कि दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध का पालन क्यों नहीं किया गया, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की समस्या बनी हुई है।

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Newstrack Network
Published on: 4 Nov 2024 4:29 PM IST (Updated on: 4 Nov 2024 4:47 PM IST)
पटाखों पर प्रतिबंध का पालन क्यों नहीं किया गया?, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और पुलिस से पूछा
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Supreme Court News : सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली सरकार और पुलिस से पूछा कि दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध का पालन क्यों नहीं किया गया, जबकि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की समस्या बनी हुई है। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध के उल्लंघन पर दिल्ली सरकार और पुलिस से जवाब मांगा। कोर्ट ने कहा कि यदि पटाखों पर नियंत्रण नहीं किया गया तो इससे भयावह की स्थिति पैदा हो सकती है। सरकार और पुलिस से पूछा कि भविष्य में ऐसी विफलता को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ़ सख्त कार्रवाई की ज़रूरत है। कहा कि हमें कुछ ऐसा करने की ज़रूरत है, ताकि अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन नहीं हो। कोर्ट ने सरकार से यह भी कहा कि वह त्योहारों के समय तक सीमित न रखे, बल्कि दिल्ली में पटाखों पर स्थायी प्रतिबंध लगाने पर विचार करे।

अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा से यह बताने के लिए भी जवाब मांगा कि दिवाली के दौरान खेतों में आग लगने की घटनाएं कैसे बढ़ गईं। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि सभी जवाब एक सप्ताह में दाखिल किए जाएं। इस मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।

यह दिवाली के दौरान दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध का खुलेआम उल्लंघन किए जाने के बाद हुआ है, और अगले ही दिन राष्ट्रीय राजधानी में धुंध की मोटी परत छा गई, जिससे कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में आ गई।

काफी घातक हो गई थी वायु गुणवत्ता

वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के अनुसार, दिवाली के एक दिन बाद यानी 1 नवंबर को राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया था। यही नहीं, कई ऐसे इलाके थे, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर विश्व स्वास्थ्य संगठन की सुरक्षा सीमा से सात गुना अधिक हो घातक हो गया था।

बता दें कि दिल्ली में वायु प्रदूषण का संकट हर साल अक्टूबर माह के गहराता है। इसका बड़ा कारण पराली को माना जा रहा है। इसके साथ ही दिवाली पर पटाखों से उठे धुएं के कारण भी प्रदूषण बढ़ रहा है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट और भी बद से बदतर की स्थिति में पहुंच जाता है।



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Rajnish Verma

Rajnish Verma

Content Writer

वर्तमान में न्यूज ट्रैक के साथ सफर जारी है। बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। मैने अपने पत्रकारिता सफर की शुरुआत इंडिया एलाइव मैगजीन के साथ की। इसके बाद अमृत प्रभात, कैनविज टाइम्स, श्री टाइम्स अखबार में कई साल अपनी सेवाएं दी। इसके बाद न्यूज टाइम्स वेब पोर्टल, पाक्षिक मैगजीन के साथ सफर जारी रहा। विद्या भारती प्रचार विभाग के लिए मीडिया कोआर्डीनेटर के रूप में लगभग तीन साल सेवाएं दीं। पत्रकारिता में लगभग 12 साल का अनुभव है। राजनीति, क्राइम, हेल्थ और समाज से जुड़े मुद्दों पर खास दिलचस्पी है।

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