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'कुरान के खिलाफ कुछ भी तो...' उत्तराखंड यूसीसी पर बोले सपा सांसद एसटी हसन, डॉ. दिनेश शर्मा ने दिया ऐसा जवाब
UCC In Uttarakhand: सांसद एसटी हसन के बयान पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ दिनेश शर्मा ने विपक्षीय दलों को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गलतफहमी है। यूनिफार्म सिविल कोड हक़ देने वाला कानून है।
UCC In Uttarakhand: उत्तराखंड विधानसभा में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार मंगलवार को यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पेश किया। राज्य की सदन में इस बिल के आते ही पहाड़ी राज्य के साथ साथ मैदान भागों वाले राज्यों में भी राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है। एक स्वर पूरा विपक्षी दल यूसीसी बिल का विरोध कर रहा है तो वहीं भाजपा के नेताओं ने इस बिल की पूरजोर तरीके से वकालत की है। यूनिफॉर्म सिविल कोड बिल पेश कर दिया गया. अब इस पर समाजवादी पार्टी के नेता और सांसद एसटी हसन ने अपनी बड़ा बयान दिया है।
मुसलमान केवल मानेगा कुरान शरीफ कानून
मंगलवार दिल्ली के संसद परिसर पर मीडिया से बात करते हुए सपा सांसद एसटी हसन कहा कि आप (भाजपा सरकार) जितने भी कानून लेकर आएं, लेकिन हम और मुसलमान वही कानून मानेगा जो कुरान शरीफ में है। हम जानते हैं कि भाजपा यह कानून क्यों लेकर आ रही है। ये सिर्फ हिंदू मुसलमान को लड़ाने के लिए इसे लाया जा रहा है। हम यूसीसी के कानून को नहीं मानेंगे, केवल कुरान को मानेंगे।
हिंदू-मुसलमान का ये लोग कब करेंगे ध्रुवीकरण
एसटी हसन ने कहा कि मुसलमानों को क़ुरान पाक ने जो हिदायतें दी हैं अगर इसके ख़िलाफ कोई कानून बनता है, जैसे-हम 1400 साल से पैतृक संपत्ति में बेटी को हिस्सा दे रहे हैं, तो अगर इसके विरुद्ध काई क़ानून बनता है तो हम उसे मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा अगर हमारी शरियत के क़ाननू से दूसरों को कोई परेशानी नहीं है तो इन्हें क्यों है? आखिरी ये लोग कब तक हिंदू-मुसलमान करके ध्रुवीकरण करते रहेंगे।
यूसीसी पर विरोधी दलों को डॉ. दिनेश शर्मा ने दिया जवाब
वहीं, सपा सांसद एसटी हसन के बयान पर बीजेपी के राज्यसभा सांसद डॉ दिनेश शर्मा ने विपक्षीय दलों को नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग गलतफहमी है। यूनिफार्म सिविल कोड हक़ देने वाला कानून है। इससे किसी का हक छीनता नहीं है। सभी को एक समान अधिकार अगर मिल रहे हैं तो उसमे समस्या कहां है? उत्तराखंड का यूनिफार्म सिविल कोड बिल सभी को बराबर का अधिकार देगा।
विशेष सत्र में पेश किया गया यूसीसी बिल
बता दें कि राज्य के मुख्यमंत्री ने विधानसभा के चार दिन के विशेष सत्र के दौरान मंगलवार को सदन की टेबल पर यूसीसी बिल पेश किया। इससे पहले रविवार को उत्तराखंड कैबिनेट ने यूसीसी के अंतिम मसौदे को मंजूरी प्रदान की थी। मार्च 2022 में धामी सरकार ने यूसीसी के लिए एक मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति गठित करने का निर्णय लिया था। इसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के हाथों सौंपी थी।