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Delhi Election 2025: भाजपा की बढ़त के साथ ही इंडिया गठबंधन में घमासान, उमर अब्दुल्ला बोलेः खूब लड़ो आपस में..
Delhi Election 2025: जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में गठबंधन न होने पर तीखी नाराजगी जताई है।
omar abdullah
Delhi Election 2025: दिल्ली के विधानसभा चुनाव की शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी ने भारी बढ़त बना ली है जबकि आम आदमी पार्टी पिछड़ती हुई दिख रही है। शुरुआती रुझानों के बाद दिल्ली की सत्ता से आप की विदाई तय हो गई है। फाइनल नतीजे की घोषणा से पहले ही विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में घमासान भी शुरू हो गया है।
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कान्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव में गठबंधन न होने पर तीखी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि खूब लड़ो आपस में, समाप्त कर दो एक-दूसरे को। इसके जरिए उन्होंने कांग्रेस को घेरने का प्रयास किया है। उमर अब्दुल्ला इससे पहले भी इंडिया गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका को लेकर सवाल उठा चुके हैं। हाल ही में उन्होंने कहा था कि गठबंधन को मजबूत बनाए रखने के लिए कांग्रेस ने अपनी भूमिका नहीं निभाई।
उमर अब्दुल्ला ने जताई नाराजगी
दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं हो सका था और दोनों दलों ने एक-दूसरे को चुनौती देने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। इसे लेकर उमर अब्दुल्ला ने नाराजगी जताई है। उन्होंने एक मीम शेयर किया है जिसमें एक साधु कहते हैं कि खूब लड़ो आपस में,समाप्त कर दो एक-दूसरे को।
उमर अब्दुल्ला का मानना है कि आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन न होने के कारण ही दिल्ली चुनाव का ऐसा नतीजा सामने आ रहा है और भाजपा मजबूत बनकर उभर रही है। उन्होंने कहा कि यदि एकजुटता के साथ चुनाव लड़ा गया होता तो दिल्ली में भाजपा को चैलेंज किया जा सकता था। उमर अब्दुल्ला से पहले विपक्ष के कुछ अन्य नेताओं ने भी दिल्ली चुनाव में गठबंधन न होने पर सवाल उठाए थे।
कांग्रेस ने दिया उमर अब्दुल्ला को जवाब
उमर अब्दुल्ला की ओर से दिए गए बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी सामने आई है। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि उमर अब्दुल्ला को जो कहना हो,वे कहते रहें मगर उन्हें यह भी समझना चाहिए कि कांग्रेस चुनाव लड़ना तो नहीं बंद कर देगी। उन्होंने कहा कि चुनाव लड़ना हमारा अधिकार है और लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ना चाहिए।
वैसे यह बात भी उल्लेखनीय है कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव से पहले आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन पर चर्चा हुई थी। हालांकि इसे धरातल पर नहीं उतारा जा सका। बाद में आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था।
दिल्ली में खत्म होने वाला है भाजपा का सूखा
लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली और हरियाणा में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ था मगर हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भी दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं हो सका था। दोनों दलों के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा भी हुई थी मगर बाद में बातचीत टूट गई थी।
हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने बाजी मार ली थी और अब दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने भारी बढ़त बना ली है। दिल्ली के रुझानों को देखते हुए जानकारों का मानना है कि 27 साल बाद दिल्ली में भाजपा का सूखा खत्म होने वाला है।