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LAC Patrolling: दिखने लगा समझौते का असर, लद्दाख में दो क्षेत्रों से भारतीय और चीनी सैनिकों की वापसी शुरू
LAC Patrolling: प्रत्येक पक्ष पर कुछ अस्थायी संरचनाओं और एक टेंट को हटा दिया गया है। भारतीय सैनिक चार्डिंग नाला के पश्चिमी हिस्से की ओर वापस जा रहे हैं।
LAC Patrolling (Pic: Social Media)
LAC Patrolling: पूर्वी लद्दाख सेक्टर के डेमचोक और देपसांग मैदानों में दो टकराव बिंदुओं पर भारत और चीन के सैनिकों की वापसी शुरू हो गयी है। दोनों पक्षों के बीच हुए समझौतों के अनुसार, भारतीय सैनिकों ने संबंधित क्षेत्रों में अपने साजोसामान को वापस खींचना शुरू कर दिया है। चार साल से अधिक समय से चल रहे सैन्य गतिरोध को समाप्त करने में एक बड़ी सफलता के रूप में भारत ने घोषणा की थी कि वह पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त करने के लिए चीन के साथ एक समझौते पर पहुँच गया है।
बताया जाता है कि दोनों जगहों पर लगभग 10-12 अस्थायी संरचनाएँ और लगभग 12 टेंट हैं जिन्हें हटाया जाना तय है। प्रत्येक पक्ष पर कुछ अस्थायी संरचनाओं और एक टेंट को हटा दिया गया है। भारतीय सैनिक चार्डिंग नाला के पश्चिमी हिस्से की ओर वापस जा रहे हैं, जबकि चीनी सैनिक नाला के पूर्वी हिस्से की ओर पीछे हट रहे हैं। चीनी सेना ने इलाके में अपने वाहनों की संख्या कम कर दी है, जबकि भारतीय सेना ने भी कुछ सैनिकों को वापस बुला लिया है। एक बार प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद, अगले 4-5 दिनों में देपसांग और डेमचोक में गश्त फिर से शुरू होने की उम्मीद है।
भारत-चीन सीमा समझौता
21 अक्टूबर को भारत ने घोषणा की थी कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त करने के लिए चीन के साथ समझौता कर लिया गया है। इस घटनाक्रम को चार साल से अधिक समय से चले आ रहे सैन्य गतिरोध को हल करने में एक सफलता के रूप में देखा जा रहा है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान पुष्टि की कि व्यापक बातचीत के बाद समझौता हुआ है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारतीय और चीनी सैनिक 2020 के सीमा टकराव से पहले की तरह गश्त फिर से शुरू करेंगे।
चीन के साथ सैन्य वापसी की प्रक्रिया पूरी
चीन के साथ सैन्य वापसी की प्रक्रिया पूरी हो गई है, जिससे कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और शी के बीच द्विपक्षीय बैठक का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस समझौते से देपसांग और डेमचोक क्षेत्रों में गश्त आसान होने की उम्मीद है। जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंध काफी खराब हो गए थे। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में सैन्य और कूटनीतिक वार्ता के माध्यम से दोनों पक्ष अब कई टकराव बिंदुओं से अलग हो गए हैं।