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सदन में महिला भागीदारी का क्या है सच, कहां से कहां पहुंची लेडी सांसद

Women In Parliament: आम चुनाव 2024 यानी 18 वीं लोकसभा में की स्थिति में महिला प्रतिनिधियों की संख्या घटी है। अबकी 543 सीट में महज 74 महिलाएं सांसद चुनी गई हैं।

Sakshi Singh
Published on: 8 March 2025 7:47 PM IST
Women participation In the parliament
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Women participation In the parliament

Women in Parliament: देश में आज के समय में महिलाएं आधी आबादी की भूमिका में हैं। जहां से देश कां सचालन होता है यानी सदन में इनकी क्या और कितनी भागीदारी है। आइये जानते हैं।

आम चुनाव 2024 यानी 18 वीं लोकसभा में की स्थिति में महिला प्रतिनिधियों की संख्या घटी है। अबकी 543 सीट में महज 74 महिलाएं सांसद चुनी गई हैं। यानी इस बार चुने गए सांसदों में 13.63 फीसदी महिला प्रतिनीधि हैं। जबकि 2019 में 78 महिला सांसद चुनी गईं थी।

बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव 7 चरण में हुआ था। वहीं हर चरण में महिला उम्मीदवारों की भागीदारी कम दिखी। पहले चरण के 1625 उम्मीदवारों में महिलाओं की संख्या सिर्फ 134 थी। जबकि दूसरे चरण के कुल 1192 उम्मीदवारों में 100 और तीसरे चरण के 1352 उम्मीदवारों में केवल 123 महिलाएं थीं। वहीं चौथे चरण में सबसे अधिक 170 महिला उम्मीदवारों ने अपनी दावेदारी पेश की। पांचवें चरण में 82। छठे चरण में 92, 7वें और आखिरी चरण में 95 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं।

इस बार सबसे ज्यादा 31 महिला सांसद इस बार बीजेपी से हैं। वहीं 13 कांग्रेस से, 11 टीएमसी, सपा से पांच और डीएमके से तीन महिला सांसद चुनी गई हैं। बिहार की पार्टियां जनता दल-यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी से दो-दो महिला सांसद चुनी गई हैं।

1957 के आम चुनावों से लेकर 2024 के चुनावों तक महिला उम्मीदवारों का आंकड़ा 1000 के पार नहीं जा पाया है। 2024 के लोकसभा चुनावों में कुल 8360 उम्मीदवार मैदान में थे। हालांकि प्रत्याशियों की इस बड़ी संख्या में महिलाओं की कुल हिस्सेदारी सिर्फ 10 फीसदी ही रही। लोकसभा की 543 सीटों पर केवल 797 महिला प्रत्याशियों ने ही इस बार चुनाव लड़ा।

महिला सांसदों की घटती संख्या के पीछे सबसे बड़ी चुनौती उनकी कम उम्मीदवारी भी है। 2019 के लोकसभा चुनावों में 726 महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा। लेकिन तब 78 महिलाएं ही जीतकर संसद पहुंची थीं।

वहीं, 2014 में 640 महिला उम्मीदवार थीं और इनमें से 62 महिलाएं सांसद बनीं। 2009 के चुनावों में 556 महिला उम्मीदवार मैदान में थीं। जिनमें से 58 महिलाएं संसद पहुंचीं। हर लोकसभा चुनाव के साथ महिला उम्मीदवारों की संख्या तो जरूर बढ़ी है, लेकिन इनमें से चुनकर संसद तक पहुंचने का सफर बेहद कम महिलाएं ही तय कर पाती हैं।

देश की अधिकतर बड़ी पार्टियों ने भी महिलाओं को टिकट देने में उतनी उदारता नहीं दिखाई. सत्ताधारी बीजेपी ने 69 महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया। वहीं, देश की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस ने भी केवल 41 महिला उम्मीदवारों को ही टिकट दिया। बसपा ने 37 और सपा ने 14 सीटों पर महिला उम्मीदवारों को उतारा। पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने 12 महिलाओं को टिकट दिया था।

Sakshi Singh

Sakshi Singh

Senior Content Writer

मेरा नाम साक्षी सिंह है। मूलत: प्रयागराज की रहने वाली हूं। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट हूं। मैंने बैचलर और मास्टर दोनों ही जर्नलिज्म एंड मास कम्यूनिकेशन विषय से किया है। पत्रकारिता की शुरुआत दैनिक जागरण (प्रिंट) से किया। दैनिक भास्कर (डिजिटल) में प्रयागराज में फील्ड रिपोर्टर रही। इसके बाद मैंने अमृत विचार, राजस्थान पत्रिका और नवभारत डिजिटल में लगभग 18 महीने बतौर कंटेट राइटर काम किया। इस संस्थान में नेशनल और इंटरनेशनल की रियल टाइम की खबरें लिखती रही। इसके साथ ही इस संस्थान में मैंने यहां शिफ्ट इचार्ज के तौर पर टीम भी लीड किया है। इस क्षेत्र में काम करते हुए लगभग साढ़े तीन साल से ज्यादा समय हो गए हैं। मेरी रुचि और पकड़ लगभग सभी विषयों पर है। लेकिन इंडियन पॉलिटिक्स और इंटरनेशनल रिलेशन्स में विशेष दिलचस्पी है।

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