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Women Reservation Bill: 2024 की जंग के लिए PM मोदी का बड़ा सियासी दांव, BJP को मिल सकता है फायदा,विपक्ष की मुश्किलें बढ़ीं

Women Reservation Bill: गणेश चतुर्थी के दिन लोकतंत्र के नए मंदिर में संसदीय कामकाज का श्रीगणेश हुआ और फिर मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल पेश करके 2024 की सियासी जंग के लिए बड़ा सियासी दांव चल दिया।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 19 Sept 2023 4:15 PM IST
Women Reservation Bill
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Women Reservation Bill (Pic:Newstrack)

Women Reservation Bill: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सियासत का माहिर खिलाड़ी यूं ही नहीं माना जाता। पहले उन्होंने संसद का विशेष सत्र बुलाकर विपक्षी दलों को कई दिनों तक उलझन में फंसाए रखा और फिर संसद के विशेष सत्र के दूसरे दिन वे दोनों काम पूरे कर डाले जिसके लिए यह विशेष सत्र बुलाया गया था। गणेश चतुर्थी के दिन लोकतंत्र के नए मंदिर में संसदीय कामकाज का श्रीगणेश हुआ और फिर मोदी सरकार ने महिला आरक्षण बिल पेश करके 2024 की सियासी जंग के लिए बड़ा सियासी दांव चल दिया।

प्रधानमंत्री मोदी की ओर से उठाया गया यह कदम मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है क्योंकि पांच राज्यों में जल्द विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इसके बाद 2024 में सबसे बड़ी सियासी जंग होनी है। महिला आरक्षण विधेयक 1996 से ही संसद में लटका हुआ है मगर अब पीएम मोदी ने इस बिल को पास करने का बीड़ा उठाया है। नई संसद में पीएम मोदी ने इस बिल के लंबे समय से लटके होने की ओर इशारा करते हुए कहा कि ईश्वर ने कई पवित्र कामों के लिए मुझे चुना है। पीएम मोदी का यह बयान सियासी नजरिए से काफी अहम मान जा रहा है। पीएम मोदी के सियासी दांव ने विपक्षी दलों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं क्योंकि भाजपा को इसका बड़ा फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। उन्हें इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं पीएम मोदी अकेले इसका क्रेडिट लूटने में कामयाब न हो जाएं।

कई पवित्र कामों के लिए ईश्वर ने मुझे चुना

नई संसद में अपना पहला भाषण देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह वक्त महिलाओं के लिए इतिहास बनाने का है। महिला आरक्षण पर काफी चर्चा हो चुकी है। महिला आरक्षण बिल को अब कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है और आज हमारी सरकार संविधान संशोधन बिल पेश करने जा रही है। इस बिल के जरिए लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि संसद में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया है, लेकिन ईश्वर ने कई पवित्र कामों के लिए मुझे चुना है।


प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पिछले वर्षों के दौरान महिला आरक्षण बिल पर खूब चर्चाएं और वाद-विवाद हुए हैं। 1996 में इस बिल को पहली बार पेश किया गया था। अटल जी के कार्यकाल में कई बार इस विधेयक को पेश किया गया मगर सरकार इसे पारित करने के लिए आवश्यक आंकड़ा नहीं जुटा पाई। इस कारण यह सपना अभी तक अधूरा बना हुआ है। महिलाओं को शक्ति और अधिकार देने के लिए इस पवित्र काम के लिए अब भगवान ने मुझे चुना है। मेरी सरकार ने अब एक बार फिर इस दिशा में कदम बढ़ाया है।

इतिहास में अमर हो जाएगी आज की तारीख

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब संसद की मुहर लगने के बाद यह बिल कानून बनेगा तो इसकी ताकत और बढ़ जाएगी। मैं दोनों सदनों के सांसदों से अपील करता हूं कि यह बिल सबकी सहमति से पारित हो। आज जीवन के हर क्षेत्र में महिलाएं काफी आगे जा रही हैं। नीति निर्माण में महिला की भूमिका होनी चाहिए। पीएम मोदी ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए बधाई दी।


उल्लेखनीय है कि महिला आरक्षण बिल को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के नाम से जाना जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि कल ही कैबिनेट की ओर से इस विधेयक को पेश करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है और अब 19 सितंबर की तारीख इतिहास में अमरत्व प्राप्त करने जा रही है।

पीएम मोदी के सिर बंधेगा महिला आरक्षण का सेहरा

सियासी जानकारी का मानना है कि विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की ओर से दिए गए बयानों के आधार पर इस बिल का इस बार संसद में पारित होना तय है। केंद्र सरकार की ओर से रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के समय भी कई विपक्षी दलों की ओर से महिला आरक्षण बिल को पेश करने की मांग की गई थी। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में शामिल कई दलों ने भी इस बिल को लेकर सकारात्मक बयान दिए हैं और इस बिल का समर्थन करने का ऐलान किया है।


वैसे लोकसभा में मोदी सरकार के पास किसी भी विधेयक को अपने दम पर पारित करने की क्षमता है और राज्यसभा में सरकार के दूसरे दलों के सांसदों के समर्थन के दम पर इस बिल को पारित कराने में कामयाब होने की पूरी उम्मीद है। ऐसे में महिला आरक्षण बिल का सेहरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिर पर ही बंधने वाला है।

बिल को पेश करने की टाइमिंग भी महत्वपूर्ण

मोदी सरकार की ओर से इस बिल को पेश करने की टाइमिंग भी काफी महत्वपूर्ण है। मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिला आरक्षण बिल का मास्टरस्ट्रोक खेल दिया है।

सियासी जानकारों के मुताबिक पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव में महिला मतदाताओं की भूमिका काफी अहम होगी। माना जा रहा है कि भाजपा की ओर से इस मुद्दे को सियासी रूप से भुनाने की पुरजोर कोशिश की जाएगी।

पीएम मोदी ने बढ़ाई विपक्ष की मुश्किलें

2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई में भाजपा को मिली बड़ी जीत में महिलाओं की बड़ी भूमिका मानी गई थी। चुनाव के बाद किए गए विश्लेषणों से साफ हुआ था कि महिलाओं ने पीएम मोदी को जमकर समर्थन दिया था। अब ऐसे में सबकी निगाहें 2024 की सियासी जंग पर लगी हुई है।

विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में शामिल दलों में इस बात की चिंता दिखाई दे रही है कि कहीं मोदी सरकार इस बिल का क्रेडिट अकेले न लूट ले। खासतौर पर कांग्रेस के खेमे में इस बात को लेकर ज्यादा चिंता दिख रही है। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि संसद के विशेष सत्र में पीएम मोदी ने ऐसा सियासी दांव चल दिया है जिसने निश्चित रूप से विपक्षी दलों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

Durgesh Sharma

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