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Women's Reservation Bill: महिला आरक्षण बिल पर समर्थन करते हुए महिलाओं ने सरकार पर साधा निशाना, जाने किसने क्या कहा?
Women's Reservation Bill: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू महिला आरक्षण विधेयक पर पेश किए गए बिल पर कहा कि यह हमारे दौर की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी।
Women's Reservation Bill: संसद के विशेष सत्र का आज यानी बुधवार को तीसरा दिन है। लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) बहस जारी है। विधेयक को लेकर महिला सदस्य काफी सक्रिय दिखीं। सभी महिलाओं नें बिल का समर्थन किया। लेकिन सरकार पर निशाना साधने में भी पीछे नहीं रहीं। आज इस लेख में हम जानेगें कि किन सदन में किस महिला सदस्य नें बिल पर क्या बोला।
लैंगिक न्याय की..सबसे परिवर्तनकारी क्रांति-द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बुधवार विज्ञान भवन में एशिया प्रशांत के राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थानों के द्विवार्षिक सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद लोगों को संबोधित करते हुए महिला आरक्षण विधेयक पर पेश किए गए बिल पर कहा कि यह हमारे दौर की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी। उन्होंने कहा कि पंचायत चुनावों में महिलाओं के लिए न्यूनतम 33 प्रतिशत आरक्षण की व्यस्था है। अब राज्य विधानसभाओं और देशी की संसद में महिलाओं को ऐसो ही आरक्षण देने वाला प्रस्ताव आगे बढ़ रहा है। यह लैंगिक न्याय की हमारे दौर की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगी।
सबसे पहले मेरे जीवन साथी नें लाया था बिल-सोनिया गांधी
महिला आरक्षम विधेयक पर अपना विचार व्यक्त करते हुए सोनिया गांधी ने यह बिल सबसे पहले मेरे जीवन साथी (राजीव गांधी) लेकर आए थे। अभी तक राजीव गांधी का सपना आधा ही पूरा हुआ है। बिल के पास होने के बाद सपना पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह बिल तुरंत अमल में लाया जाए। लेकिन सरकार को एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण की भी व्यवस्था करनी चाहिए।
बिल के लिए विशेष सत्र की जरूरत नहीं थी- सुप्रिया सुले
शरदपवार की बेटी और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि महिला आरक्षण बिल जनगणना और परिसीमन के बाद ही लागू होगा, तो इसके लिए विशेष सत्र क्यों बुलाया गया। इसे विंटर सीजन में भी पास करवाया जा सकता था। देश के कई हिस्सों में बाढ़ आई है, ऐसे में विशेष सत्र की जरूरत नहीं थी।
सिर्फ पश्चिम बंगाल में महिला सीएम-काकोली घोष
TMC सांसद काकोली घोष महिला आरक्षण विधेयक पर कहा, देश में सिर्फ पश्चिम बंगाल में महिला मुख्यमंत्री है। बीजेपी की 16 राज्यों में सरकार है, लेकिन एक भी राज्य में महिला सीएम नहीं है। देश के लिए मेडल जीतने वाली महिलाओं का सेक्सुअल हैरेसमेंट किया जाता है। आरोपी बृजभूषण सिंह सांसद बना बैठा है। उसपर सरकार कोई एक्शन क्यों नहीं लेती।
महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए- संगीता आजाद
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सांसद संगीता आजाद ने महिला आरक्षण बिल पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि इस बिल के आ जाने के बाद महिलाओं को नई ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस बिला का हम समर्थन करतें हैं लेकिन हमारी एक मांग है। मैं ताहती हूं कि लोकसभा, राज्यसभा और राज्य के विधानसभाओं में आरक्षण 33 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर देना चाहिए। आरक्षण को विधान परिषद में भी यह बिल लागू होना चाहिए। उन्होंने जातिगत जनगणना और परिसीमन का कार्य जल्द पूरा करने की अपील की। बिल को चुनाव का मुद्दा न बनाया जाए।
महिला आरक्षण समय की मांग है-अनुप्रिया पटेल
केंद्रीय राज्य मंत्री और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने बिल पर अपना विचार व्यक्त करते हुए कहा कि, महिला आरक्षण समय की मांग है। सरकार हमेशा से महिलाओं के नेतृत्व की बात करती रही है। उन्होंने कहा कि पिछड़े वंचित समाज की महिलाओं के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए पीएम मोदी जरूर कुछ काम करेंगे।
क्रांति के बिना विकास संभव नहीं-डिंपल यादव
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर समाजवादी पार्टी की सांसद और अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने कहा कि क्रांति के बिना विकास संभव नहीं है। देश में विकास के लिए आवश्यक है कि ओबीसी, एससी और अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं को आरक्षण मिले। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल है कि परिसीमन और जातिगत जनगणना कब होगी।
मोदी जी ने महिलाओं की किस्मत का ताला खोल दिया- गवली
शिवसेना सांसद भावना गवली ने महिला आरक्षण बिल पर केन्द्र सरकार की जमकर तारीफ की। मोदी जी ने महिलाओं की किस्मत का ताला खोल दिया। यह बिल लाने की हिम्मत पीएम मोदी के अलावां अन्य किसी में नहीं थी।
यह काम सीर्फ पीएम मोदी ही कर सकते हैं-सुनीता दुग्गल
हरियाणा के सिरसा से बीजेपी सांसद सुनीता दुग्गल ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि यह विधेयक लाने की हिम्मत सिर्फ पीएम मोदी ही कर सकते हैं। मेरी मां अस्पताल में भर्ती हैं वहीं से वह महिलाओं के लिए आवाज उठाते हुए मुझे देख रही होंगी।
कनिमोझी ने किया बिल का समर्थन
डीएमके सांसद कनिमोझी ने महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा करते हुए कहा, मैं खुद महिला आरक्षण बिल लाने मुद्दा संसद में कई बार उठा चुकी हूं। मेरे कई तारांकित और अतारांकित प्रश्नों पर सरकार का जवाब सुसंगत था। उन्होंने बिल पर आम सहमति बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह गोपनीयता में छुपकर बनाया गया। इसके लिए विशेष सत्र बुलाने की जरूरत नहीं थी। लेकिन किस लिए बलाया गया हमें नहीं पता।
दरवाजे खुले लेकिन प्रवेश वर्जित- प्रियंका चतुर्वेदी
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने महिला आरक्षण विधेयक पर चर्चा करते हुए कहा कि हमारे संविधान ने समानता का वादा किया गया है। यह बिल बेहद जरूरी था। कई पार्टियों ने भाजपा को 9.5 वर्ष पहले जारी अपने घोषणापत्र के अनुसार उनका वादा याद दिलाया। देर से आया लेकिन दुरुस्त आया। उम्मीद है कि जल्द ही कार्यान्वित होगा। यह विधेयक परिसीमन होने के बाद ही लागू होगा। यानी 2029 तक यह लागू नहीं होगा। सरकार ने दरवाजे तो खोल दिए लेकिन अभी प्रवेश प्रवेश नहीं है।
ओबीसी महिलाओं को अलग से मिले आरक्षण-मायावती
बसपा सुप्रिमों मायावती ने महिला आरक्षण पर कहा, जनगणना और परिसीमन कराने में कई साल लग लग जाएंगे। भाजपा और कांग्रेस आरक्षण नहीं देना चाहती है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। अभी इस बिल को लागू होने में समय लगेगा। देस की भोली महिलाओं को प्रलोभन दिया जा रहा है। उन्होंने सरकार इस बिल से इन दो प्रावधानों को हटाने की मांग की। जिससे आरक्षण जल्द लागू हो सकेगी। मायावती ने ओबीसी महिलाओं को अलग से आरक्षण मिलना चाहिए।