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India Special - आंसू मत बहाइए, अच्छे दिन आएंगे : कह रहा है वर्ल्ड बैंक

वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि इंडियन इकोनॉमिक ग्रोथ में सुस्ती कुछ वक्त की बात है। लेकिन इतना तय है कि इससे इंडियन इकॉनमी सकारात्मक असर पड़ेगा।

tiwarishalini
Published on: 6 Oct 2017 1:49 PM IST
India Special - आंसू मत बहाइए, अच्छे दिन आएंगे : कह रहा है वर्ल्ड बैंक
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इंडियन इकॉनमी में गिरावट अस्थाई, आंसू मत बहाइए, अच्छे दिन आएंगे : वर्ल्ड बैंक

नई दिल्ली: आंसू मत बहाइए, अच्छे दिन आएंगे। ये बात इस बार पीएम मोदी नहीं बल्कि वर्ल्ड बैंक ने कही है। छोटे और मझोले कारोबारियों को राहत देने के लिए जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार (6 अक्टूबर) को बैठक हुई। बैठक से पहले वर्ल्ड बैंक ने कहा है कि इंडियन इकोनॉमिक ग्रोथ में सुस्ती कुछ वक्त की बात है। लेकिन इतना तय है कि इससे इंडियन इकॉनमी सकारात्मक असर पड़ेगा। अभी जो गिरावट दिखाई दे रही है वो अस्थाई है।

वर्ल्ड बैंक के प्रेसिडेंट जिम योंग किम ने कहा कि इंडियन इकॉनमी में गिरावट अस्थाई है। इसकी घोषणा पहली तिमाही में की गई थी। मुझे लगता है कि जीएसटी की तैयारियों में कमी की वजह से ये गिरावट आई है। किम ने ये बातें गुरुवार को इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड (आईएमएफ) और वर्ल्ड बैंक की एनुअल मीटिंग के पहले कही।

अगले हफ्ते इंटरनेशनल मॉनीटरी फंड (आईएमएफ) और वर्ल्ड बैंक की होने वाली वार्षिक आमसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली भी शामिल होंगे। अप्रैल-जून तिमाही में भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 5.7% था, जबकि जनवरी-मार्च तिमाही के दौरान ग्रोथ 6.1% रही थी। पिछले साल इसी तिमाही में ग्रोथ 7.9% थी।

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किम ने कहा, "इंडियन इकॉनमी में हाल में आई गिरावट आने वाले महीनों में ठीक हो जाएगी। एक साल में जीडीपी ग्रोथ स्थिर हो जाएगी। किम ने कहा कि हम नजर रख रहे हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी व्यापारिक वातावरण बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। उनकी ये कोशिशें जल्द कारगर होंगी।"

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उन्होंने कहा कि "मोदी ने सफाई के मुद्दे पर बड़ा कमिटमेंट किया है। उनका स्वच्छ भारत मिशन एक असरदार प्रोग्राम साबित हुआ है। वो समझते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी भारत के लिए नए मौके जुटाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भारत में काफी चुनौतियां हैं। वहां दूसरे देशों की तरह एजुकेशन-हेल्थ पर काफी काम किया जाना है।

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इकॉनमी में गिरावट को लेकर सरकार निशाने पर

इकॉनमी में गिरावट को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सीनियर लीडर्स ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने कहा है कि जीएसटी-नोटबंदी गलत फैसला था। गिरावट तो पहले ही आ गई थी। नोटबंदी ने इसमें आग में घी का काम किया। जीएसटी को गलत तरीके से लागू करने से व्यापार पर बहुत बुरा असर पड़ा। लाखों लोग बेरोजगार हो गए। नौकरियां नहीं हैं। वित्त मंत्री अरूण जेटली के लिए सिन्हा ने कहा कि फाइनेंस मिनिस्ट्री में कोई भी शख्स एक ही काम देख सकता है। बदलते दौर में वहां 24 घंटे काम की दरकार होती है। जेटली जैसे सुपरमैन ताकत वाले भी उसके साथ इंसाफ नहीं कर सकते।"

सिन्हा ने गुरुवार को एक खबरिया चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा, "अर्थव्यवस्था का चीरहरण होगा तो मैं खामोश नहीं रहूंगा, बोलूंगा।" सिन्हा ने ये भी कहा, "मैंने तो सोचा था कि पीएम किसी राज्यमंत्री को आगे करेंगे, लेकिन मेरे सवालों का जवाब देने के लिए खुद आगे आ गए, ये देखकर मुझे आश्चर्य हुआ।"

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नोटबंदी खुदकुशी करने जैसा

पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने भी कहा कि "आप भले ही नोटबंदी को साहसिक कदम बताएं, लेकिन ये खुदकुशी करने जैसा मामला है। केंद्र सरकार को फिलहाल ढाई लोग चला रहे हैं।"

सरकार ने नोटबंदी के समर्थन में जो तर्क दिए, क्या आज भी वो जिंदा हैं? क्या ब्लैकमनी पूरी तरह से व्हाइट हो गई? आतंकी आज भी भारत आ रहे हैं। आज सरकार के पास कुछ भी कहने को नहीं है। जो सरकार चला रहे हैं, वे कोई भी सच या सलाह सुनना नहीं चाहते।"

पीएम मोदी का जवाब

दूसरी ओर सरकार पर भी अपनी ही पार्टी के लोगों की आलोचना का असर हुआ है और उसने 6 अक्टूबर को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग बुलाई। हालांकि, पीएम मोदी ने भी अपनी ही पार्टी के नेताओं को दिए जबाव में कहा था कि जीडीपी पिछले दस साल में कई बार 5 प्रतिशत के आसपास रही है। लिहाजा इसमें ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है।



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tiwarishalini

tiwarishalini

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