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विश्व जैव ईंधन दिवस आज, जनसभा को संबोधित करेंगे पीएम मोदी

Manali Rastogi
Published on: 10 Aug 2018 8:33 AM IST
विश्व जैव ईंधन दिवस आज, जनसभा को संबोधित करेंगे पीएम मोदी
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लखनऊ: जैव ऊर्जा फसलों, पेडों, पौधों, गोबर, मानव-मल आदि जैविक वस्तुओं (बायोमास) में निहित उर्जा को कहते हैं। इनका इस्तेमाल करके उष्मा, विद्युत या गतिज ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है। धरातल पर विद्यमान सम्पूर्ण वनस्पति और जन्तु पदार्थ को 'बायोमास' कहते हैं। जैव ईंधन का इस्तेमाल काफी सरल है। ये प्राकृतिक तौर से नष्ट होने वाला और सल्फर और गंध से पूर्णतया मुक्त है।

क्यों मनाया जाता है विश्व जैव ईंधन दिवस?

10 अगस्त 1893 को पहली बार सर रुदाल्फ डीजल (डीजल इंजन के आविष्कारक) ने मूंगफली के तेल से यांत्रिक इंजन को सफलतापूर्वक चलाया था। इसके बाद उन्होंने भविष्यवाणी की थी कि अगली सेंचुरी से ईंधन से चलने वाले यंत्र इस्तेमाल में आने लगेंगे। ऐसे में डीजल द्वारा 10 अगस्त 1893 को पहली बार तेल से यांत्रिक इंजन को चलाने की वजह से इसी दिन हर साल विश्व जैव ईंधन दिवस मनाया जाने लगा।

जनसभा को संबोधित करेंगे पीएम मोदी

वहीं, विश्व जैव ईंधन दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जनसभा को संबोधित करेंगे। विश्व जैव ईंधन दिवस-2018 के मौके पर किसानों, वैज्ञानिकों, उद्यमियों, छात्रो, सरकारी अधिकारियों और विधायकों की एक विविध जनसभा को संबोधित करेंगे।

सरकार द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान में इस बात की जानकारी दी गई। मोदी, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा विज्ञान भवन में शुक्रवार को आयोजित होने वाले कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के लिए मुख्य अतिथि होंगे।

इनको संबोधित करेंगे पीएम मोदी

बयान में कहा गया, "इस कार्यक्रम में गन्ना किसानों, वैज्ञानिकों, जैव ईंधन के उद्यमियों, कृषि, विज्ञान व इंजीनियरिंग के छात्रों, संसद के सदस्यों, राजदूतों, केंद्रीय व राज्य सरकार के अधिकारियों और जैव-ऊर्जा क्षेत्र में शामिल कंपनियों की भागीदारी देखने को मिलेगी।"

बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री अपने संबोधन में सभा को बताएंगे कि कैसे जैव ईंधन कच्चे तेल पर आयात निर्भरता को कम कर पर्यावरण में अपना योगदान कर सकता है। साथ ही मोदी जैव ईंधन के माध्यम से किसानों के लिए अतिरिक्त आय उत्पन्न करने और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने में मदद करने के तरीकों को भी बताएंगे।

बयान के मुताबिक, किसानों की आय बढ़ाने और स्वच्छ भारत सहित सरकार की विभिन्न पहलों की जैव ईंधन के साथ सहक्रियता है। बयान में कहा गया कि केंद्र के प्रयासों के परिणामस्वरूप पेट्रोल में इथेनॉल का मिश्रण वित्तीय वर्ष 2013-2014 में 38 करोड़ लीटर की तुलना में वित्तीय वर्ष 2017-2018 में 141 करोड़ लीटर दर्ज किया गया।

बयान में कहा गया, "सरकार ने जून 2018 में जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति को भी मंजूरी दे दी थी।" पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय पिछले तीन वर्षो से 10 अगस्त को विश्व जैव ईंधन दिवस मना रहा है, ताकि परंपरागत जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में गैर-जीवाश्म ईंधन के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके।

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