WORLD DIABETES DAY:भारतीय बेटी की बड़ी सफलता, विश्व मंच पर पहुंची मुहिम

दो साल पहले शुरू किया गया मनस्संज्ञिनी का अभियान 'चीनी कम चीनी बंद' विश्व स्तर पर स्वीकार किया जा चुका है। उनके अभियान के बाद बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सी ने अपने उत्पादों में 50% चीनी कम करने का निर्णय लिया है। पेप्सी ने विज्ञापनों में 'चीनी कम' का संदेश देना भी शुरू कर दिया है।

zafar
Published on: 14 Nov 2016 9:09 AM GMT
WORLD DIABETES DAY:भारतीय बेटी की बड़ी सफलता, विश्व मंच पर पहुंची मुहिम
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बागपत: सोमवार को विश्व मधुमेह दिवस और राष्ट्रीय बाल दिवस पर हिंडन पुनर्जीवन योजना की नन्ही ब्रांड अंबैसेडर मनस्संज्ञिनी ने बड़ी मुहिम छेड़ने का ऐलान किया है। बागपत के बड़ौत कस्बे की यह दस वर्षीया बेटी पर्यावरण संरक्षण के अभियान से डुड़ी है। उनका 'चीनी कम चीनी बंद' अभियान पहले ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल रहा है।

चीनी विरोध लाया रंग

-पर्यावरण कार्यकर्त्री और चीनी विरोधी अभियान चलाने वाली मनस्संज्ञिनी मधुमेह दिवस पर नए अभियानों में जुट गई हैं।

-विश्व मधुमेह दिवस और बाल दिवस के मौके पर वह गांव गांव जाकर लोगों को जागरूक करने का काम कर रही हैं।

-दो साल पहले शुरू किया गया मनस्संज्ञिनी का अभियान 'चीनी कम चीनी बंद' विश्व स्तर पर स्वीकार किया जा चुका है।

-उनके इसी अभियान के बाद बहुराष्ट्रीय कंपनी पेप्सी ने अपने उत्पादों में 50% चीनी कम करने का निर्णय लिया है।

-पेप्सी ने अपने विज्ञापनों में मनस्संज्ञिनी के 'चीनी कम' का संदेश देना भी शुरू कर दिया है।

-मनस्संज्ञिनी की जल्द ही पेप्सी कंपनी की सीइओ इंद्रा नुई के साथ अमेरिका में एक मीटिंग भी होनी है।

खतरे की चेतावनी

-मनस्संज्ञिनी ने कहा कि चीनी नदियों और जलवायु को नष्ट करने के साथ ही हमारे दिल, गुर्दे और नाड़ियों को भी नष्ट कर रही है।

-उन्होंने आम लोगों को भी चीनी की जगह गुड़, खांडसारी और शहद का विकल्प सुझाया।

-किसानों को गन्ने की फसल में केमिकल्स के प्रयोग पर किसानों को चेतावनी देते हुए मनस्संज्ञिनी ने जैविक खेती का सुझाव दिया।

-पर्यावरण अभियान से जुड़ी इस बेटी ने सरकारों, नीतिनिर्धारकों और उद्यमियों से भी गुड़ और खांडसारी के लघु उद्योगों को बढ़ावा देने की अपील की।

अभी आगे और

-पर्यावरण संरक्षण को लेकर मनस्संज्ञिनी डीपीएस सोनीपत में प्लास्टिक से डीजल बनाने के एक नए प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर रही हैं।

-मनस्संज्ञिनी का दावा है कि इस प्लांट में 50 किलो प्लास्टिक कूड़े से 35 लीटर डीजल तैयार किया जाएगा।

-अपनी मुहिम को लेकर मनस्संज्ञिनी जल्द ही सार्क देशों के 3 लाख बच्चों को 'चीनी कम चीनी बंद' के लिए चिट्ठी लिखने वाली हैं।

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