World Environment Day 2022: जानें 5 जून को ही क्यों मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस? ये है इस साल की थीम

World Environment Day 2022: धरती को हम मां कहते। प्रकृति से ही हमारा जीवन है। प्रकृति के बिना इंसान का जीवन असंभव है। बावजूद, हम इसके लिए क्या करते हैं? ये सवाल हमें खुद से पूछना चाहिए।

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Written By aman
Published on: 5 Jun 2022 1:23 AM GMT (Updated on: 5 Jun 2022 1:23 AM GMT)
World Environment Day 2022 June 5
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World Environment Day 2022 June 5

World Environment Day 2022 : दुनियाभर में हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है। यह दिन पर्यावरण संरक्षण और बेहतर जीवन में सक्रिय भागीदारी के महत्व पर जोर देता है। इस दिन को मनाए जाने का मकसद लोगों में पर्यावरण को लेकर जागरूकता पैदा करना है। हाल के वर्षों में पर्यावरण में जिस तरह के बदलाव देखने को मिले हैं, वह हमें आगाह करता है कि प्रकृति को हल्के में लेना हमारे लिए घातक है। पर्यावरण को लेकर 'बेपरवाही' केवल मानव ही नहीं बल्कि पूरी सृष्टि के लिए जानलेवा और खतरनाक साबित हो सकता है।

धरती को हम मां कहते। प्रकृति से ही हमारा जीवन है। प्रकृति के बिना इंसान का जीवन असंभव है। बावजूद, हम इसके लिए क्या करते हैं? ये सवाल हमें खुद से पूछना चाहिए। आज विकास और आधुनिकता की दौड़ में पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचा रहा है। लेकिन, हम प्रकृति से दूर होते जा रहे हैं। आज देश-दुनिया के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है, कि सांस लेना तक दूभर हो गया है। इसलिए, हम सभी को इस ओर ध्यान देना होगा। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने होंगे तो वहीं गंदगी और प्रदूषण को फैलने से रोकना होगा।

सोशल मीडिया के दौर में भरी सजगता

हाल के वर्षों में जब सोशल मीडिया क्रांति आई, सूचना का प्रसार बढ़ा तो लोगों में पर्यावरण और इसके संरक्षण को लेकर सजगता भी बढ़ी। अब विश्व पर्यावरण दिवस के दिन लोग सोशल मीडिया (social media), सोशल गैदरिंग (social gathering) और कई तरह के कार्यक्रम आयोजित कर पर्यावरण से जुड़े फैक्ट्स शेयर (Facts Share) करते हैं। अब आपके मन में सहज सवाल उठना लाजमी है कि इस दिन के लिए 5 जून को ही क्यों चुना गया?


5 जून को ही क्यों मनाया जाता है विश्व पर्यावरण दिवस?

प्रतिवर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण के प्रति सजग करना है। विश्व में प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है। इससे हमारे जीवन पर विपरीत असर पड़ रहा है। दरअसल, 5 जून 1972 को संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने इस 'दिवस' की नींव रखी थी। इसी के बाद से हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है।

119 देशों ने लिया था हिस्सा

जानकारी के लिए बता दें कि, पहली बार इस 'दिवस' को 5 जून 1972 को स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम (Sweden Capital Stockholm) में मनाया गया था। जिसमें लोगों को पर्यावरण बचाने के बारे में जागरूक किया गया था। उस वक्त दुनिया के कुल 119 देशों ने हिस्सा लिया था। पहले पर्यावरण दिवस पर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) ने भारत की प्रकृति और पर्यावरण के प्रति चिंताओं को जाहिर किया था। इसके बाद, पहली बार 1974 में अमेरिका के स्पोकेन में 'ओनली वन अर्थ' (only one earth) थीम के साथ मनाया गया था।


UNEP की नींव रखी गई

इसी सम्मेलन में 'संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम' (UNEP) की नींव रखी गई थी। जिसके साथ, हर साल 5 जून को 'विश्व पर्यावरण दिवस' मनाए जाने का संकल्प लिया गया। ज्ञात हो कि, विश्व पर्यावरण दिवस का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर के लोगों को पर्यावरण प्रदूषण (environmental pollution) की चिंताओं से अवगत कराना है। साथ ही, प्रकृति और पर्यावरण को लेकर जागरूक करना भी है।

क्या है इस साल की थीम?

हर साल 5 जून को जब 'विश्व पर्यावरण दिवस' मनाया जाता है तो उसकी एक 'थीम' रखी जाती है। इस साल की थीम है 'Only One Earth- Living Sustainably in Harmony with Nature'। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम यानी UNEP की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व की आबादी लगातार बढ़ रही ही। यह 8 अरब के आंकड़े को छूने को तैयार है। ऐसे में स्वाभाविक रूप से पारिस्थितिक तंत्र (Ecosystem) हमारी मांगों को पूरा नहीं कर सकता। परिणामस्वरूप, यह तेजी से गिर रहा है।

हमें प्रसिद्ध वैज्ञानिक विलियम रूकेल्स हॉस का एक कथन हमेशा याद रखना चाहिए कि, 'प्रकृति दोपहर का भोजन मुफ्त करती है, लेकिन केवल तभी, जब हम अपनी भूख को नियंत्रित कर लें।' विश्व पर्यावरण दिवस 2022 अभियान 'केवल एक पृथ्वी' का नारा ही प्रकृति के साथ सद्भावनापूर्ण व्यवहार पर केंद्रित है।


विश्व पर्यावरण दिवस से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण कोट्स :

- पक्षी पर्यावरण के संकेतक हैं। यदि वे खतरे में हैं तो हम जानते हैं कि हम भी जल्द ही खतरे में होंगे।- रोजर टोरी पीटरसन

- पृथ्वी के सभी मनुष्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं।- महात्मा गांधी

- हम दुनिया के जंगलों के लिए क्या कर रहे हैं, लेकिन दर्पण हमें दिखलाता हैं कि हम अपने और एक दूसरे के लिए क्या कर रहे हैं। - महात्मा गांधी

- खुदा का शुक्र है कि इंसान उड़ नहीं सकते, वर्ना आसमान और धरती दोनों को ही बर्वाद कर देते।- हेनरी डेविड थॉरो

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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