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'ड्रैगन' को चुनौती देने के लिए भारत तैयार, बना रहा दुनिया की सबसे ऊंची सड़क, पूर्वी लद्दाख में मजबूत होगा सैन्य ढांचा
World's Highest Motorable Road: चीन बॉर्डर पर भारत दुनिया की सबसे ऊंची सड़क का निर्माण कर रहा है। यहां फाइटर जेट का बेस भी बनाया जाएगा। चीन के साथ किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए इस सड़क को बनाया जा रहा है। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन निर्माण में जुटी है।
World's Highest Motorable Road : चीन बॉर्डर पर भारत दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बना रहा है। सड़क निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। आप जानकर चौंक जाएंगे, ये सड़क 19400 फीट ऊंचाई पर बनाई जा रही है। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अपना ही रिकॉर्ड तोड़ देगी। जानकारी तो ये भी है कि, यहां पर फाइटर जेट बेस (Fighter Jet Base) भी तैयार किया जा रहा है। जिसका मकसद, चीन के साथ किसी भी आपात स्थिति में इस सड़क का इस्तेमाल पड़ोसी मुल्क को हर तरीके से जवाब देने के लिए किया जा सके।
गौरतलब है कि, अब तक दुनिया की सबसे ऊंची सड़क उमलिंग ला (Umling La) में है। बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ने 19024 फीट पर इसका निर्माण कराया था। ये सड़क खास तौर से सेना के वाहनों की आवाजाही के मद्देनजर तैयार की गई थी। इस सड़क का निर्माण बीआरओ की महिला अफसर वैशाली एस हिवासे (Vaishali S Hiwase) ने किया था। इस रोड का नाम सबसे ऊंची सड़क के रूप में गिनीज बुक (Guinness Book) में भी दर्ज है। अब 19400 फीट की ऊंचाई पर बनी लिकारू-मिग ला-फुकचे (Mig-La and Fukche) सड़क इसका रिकॉर्ड तोड़ देगी।
रणनीतिक नजरिए से बेहद अहम
बता दें, बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (Border Road Organization) अपना ही रिकॉर्ड तोड़ने की तैयारी कर चुका है। नई सड़क लद्दाख के डेमचोक सेक्टर (Demchok sector of Ladakh) में बन रही है। BRO ही यह सड़क भी बना रहा है। 'लिकरू-मिग ला-फुकचे' के नाम से जानी जाने वाली सड़क रणनीतिक (Strategic) तौर पर बेहद अहम है। यह एक जगह 19400 फुट की ऊंचाई से होते हुए गुजरेगी। यह उमलिंग ला दर्रा (Umling La) को पार करते हुए दुनिया की सबसे ऊंची सड़क बन जाएगी।
चीन सीमा मात्र 3 किलोमीटर दूर
इस सड़क के रणनीतिक महत्व का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि, यह सड़क चीन सीमा (China Border) पर बने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) से मात्र तीन किलोमीटर दूर है। इस सड़क का निर्माण BRO की महिला इकाई ने शुरू किया है। कर्नल पोनुंग डोमिंग (Colonel Ponung Doming) इस दल का नेतृत्व कर रही हैं। कर्नल डोमिंग के साथ अन्य महिला ऑफिसर भी जोश के साथ इस सड़क के निर्माण कार्य में जुटी हैं।
1962 से बंद हवाई पट्टी अपग्रेड
इस सड़क के निर्माण के साथ-साथ भारत वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पूर्वी लद्दाख से करीब 30 किलोमीटर दूर स्थित न्योमा एयरफील्ड (Nyoma Airfield) को नए सिरे से अपग्रेड किया जा रहा है। इस साल यहां से फाइटर जेट उड़ानें भरने लगेंगी। आपको बता दें, ये हवाई पट्टी 1962 के चीन युद्ध के बाद इस्तेमाल में नहीं थी। साल 2009 में इसके अपग्रेडेशन का काम शुरू हुआ था। लेकिन, फिर बंद कर दिया गया। कुछ महीनों में अब इसे तैयार कर लिए जाएगा। ये स्थान 14 हजार फुट की ऊंचाई पर है।
सेला टनल के बारे में भी जानें
आपकी जानकारी के लिए बता दें, पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) स्थित सेला टनल (Sela Tunnel ) भी दुनिया का सबसे ऊंचा और बाई लेन टनल है। इसके माध्यम से अरुणाचल में किसी भी मौसम में आवाजाही आसान हो गयी है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 13700 फुट है।