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Wrestlers Protest: बृजभूषण इस्तीफा देने को तैयार नहीं, बोले-धरने के पीछे कांग्रेस का हाथ, दीपेंद्र हुड्डा का खेल बताया
Wrestlers Protest: बृजभूषण शरण सिंह ने 22 जनवरी को होने वाली महासंघ की बैठक से पहले इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है।
Wrestlers Protest: दिल्ली में पहलवानों के धरने के बाद भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) में इन दिनों जबर्दस्त संग्राम छिड़ा हुआ है। महासंघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों ने यौन शोषण का बड़ा आरोप लगाया है। दूसरी ओर सिंह ने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताते हुए कहा कि वे किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने इस पूरे प्रकरण के पीछे हरियाणा कांग्रेस के नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा का हाथ बताया है। उन्होंने कहा कि धरना देने वाले पहलवान हुड्डा के हाथों में मोहरा बने हुए हैं। उन्होंने 22 जनवरी को होने वाली महासंघ की बैठक से पहले इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं और वे अपराधी बनकर इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं।
पहलवान अपनी मांग पर अड़े
कुश्ती महासंघ में बदलाव की मांग को लेकर धरना देने वाले पहलवानों ने गुरुवार की रात खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के साथ लंबी बातचीत की। पहलवानों और खेल मंत्री के बीच बैठक रात दस बजे से रात करीब पौने दो बजे तक चली। बातचीत के दौरान पहलवान पूरी तरह अपनी मांग पर अड़े रहे। सूत्रों का कहना है कि पहलवानों के रुख को देखते हुए बृजभूषण शरण सिंह को 24 घंटे के अंदर इस्तीफा देने को कहा गया है।
हालांकि बृजभूषण सिंह अभी भी इस्तीफा देने को तैयार नहीं है। पहलवानों की आज भी खेल मंत्री के साथ बातचीत होने वाली है। पहलवानों के बढ़ते दबाव के बीच बृजभूषण सिंह भी अपने रुख पर अड़े हुए हैं। माना जा रहा है कि वे आज अपना पक्ष पूरी तरह स्पष्ट करेंगे। उन्होंने अपनी बात रखने के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बुला ली है।
हुड्डा के हाथ का मोहरा बने खिलाड़ी
कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष सिंह का कहना है कि दिल्ली में धरना देने वाले खिलाड़ी कांग्रेस और दीपेंद्र सिंह हुड्डा के हाथ का मोहरा बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कांग्रेस की सरकार के समय 2012 में मैंने दीपेंद्र सिंह हुड्डा को चुनाव में हराया था। हुड्डा ने ही मेरे खिलाफ पहलवानों को भड़का कर बेबुनियाद आरोप लगवाए हैं।
संगीन आरोप लगाकर मुझ पर ही नहीं बल्कि भाजपा पर भी हमला किया गया है। यह सबकुछ मुझे बदनाम करने की साजिश है। मैं एफआईआर और किसी भी जांच का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हूं। उनका कहना है कि मुझे बदनाम करने के लिए सबकुछ योजनाबद्ध तरीके से किया गया है।
विरोध का हरियाणा कनेक्शन
महासंघ के अध्यक्ष ने कहा कि इस सारे विवाद की जड़ वे नियम हैं जिनके तहत ओलंपिक खेलने के लिए सभी खिलाड़ियों को ट्रायल से गुजरना जरूरी है। 2021 में फेडरेशन ने नियमों में बदलाव करते हुए ओलंपिक कोटा हासिल करने के लिए ट्रायल्स में भाग लेने को जरूरी बना दिया था।धरना देने वाले पहलवानों में अधिकांश हरियाणा से जुड़े हुए हैं और इसे लेकर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
अब यह भी नियम बना दिया गया है कि नेशनल में कोई भी राज्य एक से ज्यादा टीम नहीं भेज सकता। राष्ट्रीय स्तर पर हरियाणा, सेना और रेलवे की ओर से सबसे ज्यादा टीमें भेजी जाती हैं। रेसलिंग फेडरेशन की ओर से किए गए बदलावों के बाद ही से हरियाणा के खिलाड़ियों के लिए सबसे बड़ा खतरा माना गया था। हरियाणा रेसलिंग फेडरेशन की ओर से इसे लेकर आपत्ति भी जताई गई थी। अब यह भी कहा जा रहा है कि महासंघ की ओर से नियमों में किए गए बदलाव को लेकर भी हरियाणा के पहलवानों में नाराजगी रही है और इसी कारण उन्होंने महासंघ पर निशाना बनाया है।