TRENDING TAGS :
WTO Summit 2022: भारत का बड़ा बयान, संगठन के इन तीन मसौदों पर जताई आपत्ति
भारत ने WTO के कोविड टीका पेटेंट, मछली पकड़ने और कृषि के मसौदों पर आपत्ति दर्ज की है, जिसमें अब भारत का साथ देने के लिए कुल 80 देश तीनों मसौदों की आपत्ति में शामिल हो गए हैं।
WTO Summit 2022: आज 12 जून रविवार को जेनेवा में शुरू हो रही विश्व व्यापार संगठन (World Trade Organsiation) की बैठक में कुल 164 देश शामिल होने जा रहे हैं। बैठक की शुरुआत से पहले ही भारत समेत कई देशों ने बैठक के तीन मसौदों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। आपको बता दें कि भारत ने WTO के कोविड टीका पेटेंट, मछली पकड़ने और कृषि के मसौदों पर आपत्ति दर्ज की है, जिसमें अब भारत का साथ देने के लिए कुल 80 देश तीनों मसौदों की आपत्ति में शामिल हो गए हैं।
WTO की बैठक में बडी संख्या में देंशों के शामिल होने के चलते यह बैठक बेहद ही खास रहने वाली है तथा साथ ही आपको बता दें कि इस बैठक में भारत का नेतृत्व केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Union Commerce Minister Piyush Goyal) करने जा रहे हैं। बैठक को लेकर सामने आने वाले निर्णय पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
भारत ने WTO के इन तीन मसौदों पर दर्ज की आपत्ति
भारत द्वारा WTO के तीन मसौदों पर दर्ज की गई आपत्ति, जिसमें कोविड टीका पेटेंट, मछली पकड़ने और कृषि शामिल है एक वैश्विक मुद्दा है। भारत के समर्थन में 80 देंशों के आने के बाद इसको लेकर चर्चा और भी तेज हो गई है। फिलहाल, कई विकसित देशों का दबाव हटने के बाद भारत के समर्थन में बड़ी संख्या में देश सामने आए हैं।
कोविड टीके के पेटेंट को लेकर भारत का कहना है कि आर्थिक रूप से कमज़ोर देंशों को आवश्यकता पड़ने पर जल्द से जल्द कोविड टीका पहुंचाने के लिए पेटेंट की प्रक्रिया को आसान करने की ज़रूरत है। भारत के इसी तर्क का आर्थिक रूप से कमज़ोर देंशों ने समर्थन किया है वहीं विकसित देंशों का तर्क इसके विपरीत है।
- साथ ही कृषि मसौदे पर भारत ने आपत्ति दर्ज करते हुए अनाज पर दी जा रही सब्सिडी में संशोधन का पक्ष रखा है। दरअसल, WTO के मसौदे के मुताबिक गरीबों को अनाज पर दी जा रही सब्सिडी को कम करने की बात कही गई है, जिसपर भारत ने आपत्ति जताई है। आपको बता दें कि WTO द्वारा उत्पादन मिली का 10 फीसदी ही सब्सिडी में देने को बात कही है जिसपर द्वारा हमेशा से आपत्ति दर्ज कराई गई है।
- WTO का मछली पकडने के मसौदे पर ठोस और स्थायी नियम का समर्थन किया जा रहा है वहीं भारत इसिक विरोध कर रहा है। भारत का इसके पीछे तर्क है कि इसे ऐसे ही जारी रहने देना चाहिए क्योंकि यह एक बड़ी संख्या में लोगों के जीवन-यापन का स्रोत है।
- साथ ही भारत का कहना है कि यह दूसरे देंशों का मुद्दा है भारत में इसकी कोई समस्या नहीं है। WTO द्वारा अनियमित तरीके से मछली पकड़ने पर नियम लागू करने का भारत द्वारा विरोध किया जा रहा है।
अब भारत के साथ करीब 80 देंशों ने तीनों मसौदों पर आपत्ति दर्ज करते हुए भारत का समर्थन किया है। ऐसे में आज जेनेवा में शुरू होने वाली WTO की बैठक में। क्या निर्णय लिया जाता है, यह देखना बेहद ही अहम होगा।