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झारखंड विधानसभा चुनाव में यशवंत सिन्हा भी दिखाएंगे ताकत, पूर्व PM अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर पार्टी की तैयारी
Jharkhand Election 2024: यशवंत सिन्हा एक समय भाजपा के कद्दावर नेता रहे हैं। इसके अलावा वे जनता दल और तृणमूल कांग्रेस में भी रह चुके हैं।
Jharkhand Election 2024: झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा से बगावत कर दी है और वे जल्द ही भाजपा में शामिल होने वाले हैं। दूसरी ओर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी विधानसभा चुनाव के जरिए मुख्य धारा की सियासत में वापसी की कोशिश में जुट गए हैं। विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए यशवंत सिन्हा जल्द ही अपनी अलग पार्टी का ऐलान कर सकते हैं। इस पार्टी का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा हुआ रखा जाएगा।
नई पार्टी के गठन का फैसला
हजारीबाग में अटल विचार मंच की बैठक के दौरान सिन्हा की अगुवाई में नई पार्टी के गठन का फैसला किया गया। हजारीबाग के अटल भवन में हुई मंच की बैठक की अध्यक्षता प्रोफेसर सुरेंद्र सिन्हा ने की। इस बैठक में देश के वित्त और विदेश मंत्री के रूप में काम कर चुके यशवंत सिन्हा भी मौजूद थे। सुरेंद्र सिन्हा यशवंत सिन्हा के बेटे जयंत सिन्हा के संसदीय प्रतिनिधि भी रह चुके हैं। अटल विचार मंच की बैठक के दौरान झारखंड के सियासी हालात पर गंभीरता से मंथन किया गया। बैठक में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के बाद नई पार्टी के गठन का प्रस्ताव भी पारित किया गया। बैठक के दौरान यशवंत सिन्हा ने कहा कि देश की मौजूदा राजनीति में चाटुकारिता पूरी तरह हावी हो गई है। उन्होंने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की नीतियों और विचारों पर चलकर ही देश में स्वच्छ राजनीति की जा सकती है। इस रास्ते पर चलकर ही हर वर्ग का उत्थान संभव होगा। इसलिए नई पार्टी का नाम भी अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर ही होगा।
अटल के सपनों को पूरा करने का संकल्प
पूर्व वित्त मंत्री ने संगठन में समाज के हर वर्ग के लोगों को जोड़ने पर जोर दिया। बैठक में मौजूद अटल विचार मंच के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने अटल के विचारों पर चलकर उनके सपनों को पूरा करने का संकल्प लिया। यशवंत सिन्हा एक समय भाजपा के कद्दावर नेता रहे हैं। इसके अलावा वे जनता दल और तृणमूल कांग्रेस में भी रह चुके हैं। पिछले राष्ट्रपति चुनाव के दौरान विपक्षी दलों ने यशवंत सिन्हा को ही अपना उम्मीदवार बनाया था। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। वैसे अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यशवंत सिन्हा की अगुवाई में बनने वाली इस नई पार्टी का गठन कब तक होगा। जानकारों का कहना है कि झारखंड के विधानसभा चुनाव में ज्यादा समय नहीं रह गया है। इसलिए जल्द ही इस दिशा में खत्म उठाया जा सकता है।
जयंत सिन्हा की भूमिका पर सबकी निगाहें
यशवंत सिन्हा हजारीबाग लोकसभा सीट पर लंबी पारी खेल चुके हैं। बाद में उनके बेटे जयंत सिन्हा भी इस सीट से सांसद रहे हैं। हाल में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने जयंत सिन्हा को टिकट नहीं दिया था। भाजपा के चुनाव प्रचार में भी वे सक्रिय नहीं दिखे थे। ऐसे में अपने पिता की ओर से नई राजनीतिक पार्टी बनाए जाने के बाद जयंत सिन्हा की क्या भूमिका होगी,इस पर सबकी निगाहें लगी हुई हैं।