TRENDING TAGS :
जानिए क्यों मनाई जाती है लोहड़ी, क्या है इस त्योहार का महत्व
लोहड़ी का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। पंजाब और हरियाणा में इस त्योहार को लेकर लोगों में काफी उत्साह रहता है। लोहड़ी के दिन को पौष माह का अंत और माघ के महीने की शुरुआत मानी जाती है।
लखनऊ: लोहड़ी का त्योहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार मकर संक्रांति से एक दिन पहले मनाया जाता है। पंजाब और हरियाणा में इस त्योहार को लेकर लोगों में काफी उत्साह रहता है। लोहड़ी के दिन को पौष माह का अंत और माघ के महीने की शुरुआत मानी जाती है। लोहड़ी का त्योहार एक-दूसरे से मिलने-मिलाने और खुशियां बांटने का त्योहार है।
इस दिन लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को बधाइयां और मिठाई भेजते हैं। इस दिन शाम के समय खुली जगह पर लोहड़ी जलाई जाती है और पवित्र अग्नि में मूंगफली, गजक और तिल डालकर इसकी परिक्रमा की जाती है।
लोहड़ी शब्द तीन अक्षरों से मिलकर बना है ल से लकड़ी, ओह से गोहा यानि जलते हुए उपले व ड़ी से रेवड़ी। लोहड़ी को लाल लाही, लोहिता व खिचड़वार नाम से भी जाना जाता है।
लोहड़ी का त्योहार फसल की बुआई और उसकी कटाई से जुड़ा हुआ है। किसान अपने नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के रूप में लोहड़ी मनाते हैं। लोहड़ी के दिन अग्नि व महादेवी के पूजन से दुर्भाग्य दूर होता है, पारिवारिक क्लेश समाप्त होता है तथा सौभाग्य प्राप्त होता है।
यह भी पढ़ें.....क्या सपा-बसपा 1993 वाला जादू दोहरा पाएंगे, सत्ता से दूर कर सकेंगे बीजेपी को
लोहड़ी पर करें विशेष पूजन
- घर की पश्चिम दिशा में पश्चिममुखी होकर काले कपड़े पर महादेवी का चित्र स्थापित कर पूजन करें।
- सरसों के तेल का दीएं जलाएं, लोहबान से धूप करें, सिंदूर चढ़ाएं, बेलपत्र चढ़ाएं, रेवड़ियों का भोग लगाएं।
- सूखे नारियल के गोले में कपूर डालकर अग्नि प्रज्वलित कर रेवड़ियां, मूंगफली व मक्का अग्नि में डालें।
- इसके बाद सात बार अग्नि की परिक्रमा करें।
- लोहड़ी पूजा के साथ इस मंत्र का जाप करें: पूजन मंत्र: ॐ सती शाम्भवी शिवप्रिये स्वाहा॥
- लोहड़ी का पर्व मूलतः आद्यशक्ति, श्रीकृष्ण व अग्निदेव के पूजन का पर्व है।
यह भी पढ़ें.....छेड़छाड़ का विरोध करने पर दंबगों ने की युवती की हत्या, 1 महीने पहले हुई थी सगाई
लोहड़ी का महत्व
लोहड़ी नवविवाहित जोड़े और परिवार में जन्मे पहले बच्चे के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन नई दुल्हन को उसकी ससुराल की तरफ से तोहफे दिए जाते हैं, तो वहीं नए शिशु को उपहार देकर परिवार में उसका स्वागत किया जाता है।
यह भी पढ़ें.....महिला का अश्लील वीडियो बनाकर पड़ोसी कर रहा ब्लैकमेल, केस दर्ज
करें ये उपाय
- दुर्भाग्य दूर करने के लिए महादेवी पर चढ़ी रेवड़ियां गरीब कन्याओं में बाटें।
- पारिवारिक क्लेश से मुक्ति पाने के लिए उड़द और चावल की काली गाय को खिलाएं।
- सौभाग्य की प्राप्ति के लिए गुड़-तिल गरीबों को बांटे।
- आर्थिक समस्या के लिए इस दिन लाल कपड़े में गेहूं बांधकर किसी ब्राह्मण को दान करें।
- इस दिन तिल से हवन करना, तिल ग्रहण करना और दान करना हर तरह से शुभता लेकर आता है।