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दंगाइयों में फंसा युवक: तभी अचानक पहुंची दिल्ली पुलिस और हुआ ऐसा, हो रही तारीफ
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नागरिक संशोधन कानून (CAA) को लेकर एक बार फिर से हिंसा भड़क चुकी है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में CAA को लेकर पिछले दो दिनों से पत्थरबाजी और आगजनी का माहौल देखने को मिल रहा है।
नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नागरिक संशोधन कानून (CAA) को लेकर एक बार फिर से हिंसा भड़क चुकी है। उत्तर पूर्वी दिल्ली में CAA को लेकर पिछले दो दिनों से पत्थरबाजी और आगजनी का माहौल देखने को मिल रहा है। लगभग 150 लोगों की बौखलाई भीड़ मौजपुर और ज़ाफराबाद मेट्रो स्टेशन Metro Station के बीच में खड़ी हुई थी।
सोमवार की दोपहर 12 से 1 बजे का। हिंसक प्रदर्शनकारी भीड़ कभी नारे लगा रही थी। वहीं सामने से रेहड़ी लेकर एक लड़का आ रहा था। भीड़ ने उसे रोक लिया। चार-पांच लड़कों से ज़ोर से चीखते हुए 24 साल के उस लड़के से उसका नाम पूछा। युवक डरते हुए बोला #@!@#!। बस फिर क्या था, भीड़ को और चाहिए भी क्या था। उसके बाद दनादन एक के बाद एक डंडे, लोहे की राड और लोहे की चेन से उसे पीटना शुरु कर दिया।
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हिंसकों ने हनुमान चालीसा पढ़ने को कहा
#@!@#! के ठीक पीछे एक्टिवा स्कूटर पर एक लड़का और भी था। भीड़ ने उसी अंदाज में उसका भी नाम पूछा। वो लड़का घबरा गया और उसने अपना असली नाम छिपा लिया। मौके की नज़ाकत को भांपते हुए असली नाम छिपाकर दूसरा नाम बता दिया। नाम सुनते ही भीड़ में से किसी ने कहा कि चल हनुमान चालीसा सुना।
बस यहीं वो लड़का फंस गया और #@!@#! की तरह से भीड़ ने उसकी भी धुनाई कर दी। वैसे तो चंद कदम पर दिल्ली पुलिस भी खड़ी हुई थी। लेकिन मारपीट करने वालों के सामने उनकी संख्या बहुत ही कम थी। इसी का फायदा उठाते हुए भीड़ ने दोनों को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया। जब हिंसकों को लगा कि अब इनकी जान निकलने वाली है तो भीड़ कुछ शांत हुई।
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वो घायल लड़के शायद इसी मौके की फिराक में थे। जैसे ही उन्हें मौका मिलते ही दोनों लड़के भागकर दिल्ली पुलिस की जिप्सी में बैठ गए। पुलिस वालों के हाथ जोड़े। गुहार लगाई, अंकल हमे बचा लीजिए। शायद पुलिस वालों को भी उन्हें बचाने का मौका मिल गया।
घायल #@!@#! के मुताबिक भीड़ पुलिस वालों को धमकाती रही, लेकिन उन्होंने भी मदद करने की ठान ली थी और जिप्सी को गुरु तेगबहादुर अस्पताल में जाकर ही रोका, जहां दोनों युवकों को इलाज के लिए छोड़ा, फिलहाल दोनों युवक अब खतरे से बाहर हैं।
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