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OMG : यूट्यूब पर भी फर्जी खबरों और अफवाहों की भरमार

raghvendra
Published on: 16 March 2018 5:24 PM IST
OMG : यूट्यूब पर भी फर्जी खबरों और अफवाहों की भरमार
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नई दिल्ली। यूट्यूब लोकप्रियता में भारत में जबरदस्त धमाके कर रहा है। अपने देश में फर्जी खबरें और अफवाहें बहुत जल्द वायरल हो जाती हैं और लाखों लोग इन्हें यू ट्यूब पर बड़े चाव से देखते हैं। नए और सस्ते डेटा प्लान के चलते हाल के सालों में इसकी गति कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी है। यह देखने में आया है कि जबरदस्त रुझान वाले वीडियो अक्सर अफवाह होते हैं। अन्य देशों के विपरीत, यूट्यूब पर भारत की अपनी ट्रेंडिंग सूची है जिसमें नित नए नकली वीडियो यू ट्यूब व अन्य सोशल मीडिया में फैल रहे हैं।

लेकिन ऐसा करने वालों के लिए ये बुरी खबर है क्योंकि यूट्यूब ने अब फर्जी खबरों और झूठी सनसनी फैलाने वाली अफवाहों व अन्य समस्याओं से निपटने के तौर तरीकों पर काम शुरू कर दिया है क्योंकि इस तरह की चीजें विकसित दुनिया के तमाम हिस्सों को पीडि़त और परेशान करती हैं।

भारत में, फर्जी खबरों, झूठी सनसनी और अन्य भ्रामक वीडियो गूगल के वीडियो प्लेटफार्मों पर सालों से भरे हुए हैं। आक्रोश जताए जाने पर उपयोगकर्ता और यूट्यूब कहते हैं, कि गूगल ने अभी तक अपनी वेबसाइट पर सख्त अनुशासन शुरू नहीं किया है।

याद कीजिए 2016 के आखिर में, जब भारत सरकार ने देश में प्रचलन में मौजूद पांच सौ व एक हजार के नोटों को रद्द कर दिया था, जीपीएस ट्रैकिंग माइक्रोचिप्स वाले नए नोटों की अफवाहों ने यूट्यूब पर किस तरह डेरा जमाना शुरू कर दिया था। कुछ महीनों पहले का एक और उदाहरण जब तेजी से वायरल वीडियो ने दावा किया था कि फ्रांस के राष्ट्रपति इमॅन्यूएल मैक्रॉन ने भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के चरणों को छुआ था। क्योंकि भारत में इसे सम्मान का प्रतीक माना जाता है।

इसी तरह पिछले दिनों प्रसिद्ध अभिनेत्री श्रीदेवी की मौत के बाद भारत में एक बार तमाम वीडियो और हवा हवाई जानकारियां वायरल हुईं। भारत में यूट्यूब के ट्रेन्डींग फीड पर सूचीबद्ध वीडियो के विशाल संग्रह में उनकी मौत से जुड़ी झूठी जानकारियां भरी हुई थीं। समाचार-केंद्रित वीडियो में कुछ असत्यापित चैनलों द्वारा बनाए गए थे, ये पूरे देश में फ़ीड पर हावी हो गए थे।

गूगल अब इन मुद्दों पर चिह्नित करने के लिए काम कर रहा है और कुछ ब्लॉग पोस्ट्स को इस दिशा में इंगित भी किया गया है, जिससे इन मंचों के जरिये शरारती कृत्यों पर रोक लगेगी। देश के बाहर के लोग शायद उन वीडियो के झांसे में नहीं आए हैं। कारण एक तो भाषाई है दूसरे अधिकांश देश समान रुझान वाले फ़ीड ही साझा करते हैं। बावजूद इसके गूगल ने भारत के लिए एक अलग ट्रेंडिंग फीड बना दिया है।

हालांकि गूगल का यह कहना है कि भारत के लिए गैर-अंग्रेजी बोलने वाले इंटरनेट दर्शकों को बेहतर सेवा देने के लिए ये विशेष फीड बनाया है। जियो के सस्ती इंटरनेट सुविधा देने के बाद लाखों लोग पहली बार यू ट्यूब व सोशल साइट्स से जुड़े हैं। और लाखों लोग हर माह जुड़ रहे हैं गूगल के एक अधिकारी का कहना है कि भारत वीडियो का बड़ा मार्केट बन सकता है। और हम हाल में इसे खपाएंगे।

हालांकि यही हाल वाट्सएप व फेसबुक का है जो कि झूठे खबरों व झूठे वीडियो से भरे हुए हैं। हर कोई बिना सोचे समझे या सत्यता परखे उन चीजों को आगे बढ़ा रहा है जो कि समाज के लिए हानिकारक हैं। यू ट्यूब के स्थापित यूजर अब इन फर्जी खबरों और वीडियो से परेशान हो चुके हैं। जिसमें यह तय कर पाना मुश्किल है कि कौन सी खबर सही है कौन सी झूठी। अफसोस की बात तो यह है कि जिस तरह एक गंदी मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है ठीक उसी तरह झूठी खबरों अफवाहों पर तैयार वीडियो सही तथ्यों और बातों को दबा दे रहे हैं।



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राघवेंद्र प्रसाद मिश्र जो पत्रकारिता में डिप्लोमा करने के बाद एक छोटे से संस्थान से अपने कॅरियर की शुरुआत की और बाद में रायपुर से प्रकाशित दैनिक हरिभूमि व भाष्कर जैसे अखबारों में काम करने का मौका मिला। राघवेंद्र को रिपोर्टिंग व एडिटिंग का 10 साल का अनुभव है। इस दौरान इनकी कई स्टोरी व लेख छोटे बड़े अखबार व पोर्टलों में छपी, जिसकी काफी चर्चा भी हुई।

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