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रमजान: जानिए क्या है जकात और कैसे होती है जरूरतमंद की मदद

इस साल यानी 2019 में रमजान की तारीख 5 मई, रविवार है और रमजान समाप्त होने की तारीख 4 जून, मंगलवार है। इस तरह  ईद का त्योहार 6 जून को मनाया जा सकता है। हालांकि यह तब मान्य होगा, जब 4 मई को रमजान का चांद दिखेगा।

Rishi
Published on: 4 May 2019 3:17 PM IST
रमजान: जानिए क्या है जकात और कैसे होती है जरूरतमंद की मदद
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सहारनपुर: इस साल यानी 2019 में रमजान की तारीख 5 मई, रविवार है और रमजान समाप्त होने की तारीख 4 जून, मंगलवार है। इस तरह ईद का त्योहार 6 जून को मनाया जा सकता है। हालांकि यह तब मान्य होगा, जब 4 मई को रमजान का चांद दिखेगा। फिलहाल आप जानिए जकात के बारे में..

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जकात प्रत्येक मालदार बालिग व आकिल (अक्लमंद) का फर्ज है। जकात के जरिये ही मुसलमान कौम के जरूरतमंद और गरीब लोग जैसे यतीम बच्चे, विधवा औरतें, विकलांग, फकीर या दूसरे तरह के गरीब लोगों की मदद होती है।

फतावा आलमगीरी व फतावा शामी के अनुसार वह माल जो एक साल गुजरने के बाद खर्चों से बचा हुआ हो, साढ़े सात तौला सोना या साढ़े बावन तौला चांदी हो या फिर उसके बराबर का माल हो तो जकात दी जाएगी।

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यदि किसी के पास नकद रकम घर में हो, बैंक के खातों में हो, डाकखाने में जमा हो, बैंक सर्टिफिकेट के रूप में हो, विदेशी करंसी की सूरत में हो, फैक्ट्री में तैयार या कच्चे माल की शक्ल में हो, शेयर्स की सूरत में हो या फिर मकान व दुकान आदि की आमदनी के रूप में हो, सभी पर जकात है और इस माल का ढाई प्रतिशत हिस्सा जकात के तौर पर अदा करना जरूरी है।

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कुरान पाक की सूरे तौबा की आयत १०३ में जकात के बारे में कहा गया है कि अल्लाह चाहता है कि जकात के जरिये वह जकात देने वालों को गुनाहों से पाक कर दें और उनके दिल माल की मोहब्बत से पैदा होने वाली बुराइयों से पाक-साफ हो जाए।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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