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झारखंड: बीमार कैबिनेट मंत्री की अपील का असर, नहीं होगा सीएम आवास घेराव
चेन्नई में इलाजरत मंत्री जगरनाथ महतो ने पारा शिक्षकों से फोन पर बात की है। उन्होने मुख्यमंत्री आवास घेराव का कार्यक्रम स्थगित करने का आग्रह किया है।
रांची: झारखंड के 65 हज़ारा पारा शिक्षकों ने आगामी 10 फरवरी को रांची में मुख्यमंत्री आवास घेराव का कार्यक्रम रखा है। हालांकि, इस बीच कैबिनेट मंत्री जगरनाथ महतो के आश्वासन के बाद कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। मंत्री फिलहाल, चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में इलाजरत हैं। हाल ही में उनका किडनी ट्रांसप्लांट हुआ है। पूर्व में जगरनाथ महतो के पास ही शिक्षा विभाग था लेकिन उनकी बीमारी के कारण फिलहाल, सीएम शिक्षा विभाग को देख रहे हैं। चेन्नई से लौटने के बाद मंत्री जगरनाथ महतो ने पारा शिक्षकों की समस्याओं के निदान का भरोसा दिलाया है। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने मंत्री के आग्राह को स्वीकारते हुए कार्यक्रम स्थगित कर दिया है।
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मंत्री ने की पारा शिक्षकों से बात
चेन्नई में इलाजरत मंत्री जगरनाथ महतो ने पारा शिक्षकों से फोन पर बात की है। उन्होने मुख्यमंत्री आवास घेराव का कार्यक्रम स्थगित करने का आग्रह किया है। लिहाज़ा, मंत्री के आग्रह को स्वीकार कर लिया गया है। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने बजट सत्र की पूर्व संध्या तक कार्यक्रम स्थगित करने का निर्णय लिया है। मंत्री के रांची लौटते ही उनसे मुलाकात कर समस्याओं के निदान का आग्रह किया जाएगा।
पारा शिक्षकों से धैर्य की अपील
एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने राज्यभर के 65 हज़ार पारा शिक्षकों से धैर्य रखने की अपील की है। बयान जारी कर मोर्चा के नेताओं ने कहा है कि, कार्यक्रम की रूपरेखा बनाने में काफी मेहनत लगती है लेकिन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उसमें बदलाव किया गया है। ऐसी सूचना भी थी कि, आगामी 10 फरवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रांची में नहीं रहेंगे। लिहाज़ा, मोर्चा ने मिल बैठकर इसका निर्णय लिया है।
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पारा शिक्षकों की मांगें
झारखंड के 65 हज़ारा पारा शिक्षक स्थायीकरण, वेतनमान और पारा शिक्षक नियमावली की मांग कर रहे हैं। वर्षों सेवा देने के बाद भी पारा शिक्षकों को स्थायी नहीं किया गया है। वेतनमान की जगह उन्हे मानदेय दिया जाता है। पिछली रघुवर दास की सरकार के समय भी उनकी मांगों पर विचार हुआ लेकिन अंतिम निर्णय नहीं लिया जा सका। पारा शिक्षकों को उम्मीद थी कि, हेमंत सोरेन की सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी। हालांकि, सरकार के एक साल हो जाने के बाद भी उनकी मांगें यथावत बनी हुई हैं।
रिपोर्ट- शाहनवाज़
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