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karnataka elections 2023: कर्नाटक में योगी-योगी, प्रचार में यूपी के सीएम की बढ़ी मांग?

karnataka elections 2023: 2018 के विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ ने 25 से ज्यादा रैलियां की थीं और छह से ज्यादा बड़े रोड शो किए थे। 35 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार किया था। इनमें से 33 पर भाजपा को जीत मिली थी।

Ashish Pandey
Published on: 29 March 2023 10:48 PM GMT
karnataka elections 2023: कर्नाटक में योगी-योगी, प्रचार में यूपी के सीएम की बढ़ी मांग?
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karnataka elections 2023 (Photo-Social Media)

karnataka elections 2023: सीएम योगी आदित्यनाथ भाजपा के फायरब्रांड लीडर और हिंदुत्व का बड़ा चेहरा हैं। योगी की डिमांड केवल उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी रहती है। कर्नाटक में विधानसभा के चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है। सभी राजनीतिक पार्टियां यहां अपनी ताकत झोंकने को तैयार हैं। वहीं कर्नाटक के लोगों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जादू सिर चढ़कर बोलता है। 2018 के विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ की ताबड़तोड़ रैलियों से कर्नाटक में जो चुनावी हवा बनी थी, वही हवा बनाने के लिए इस बार भी माहौल तैयार हो गया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने विधानसभा चुनावों की तारीख की घोषणा होने के बाद प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की मांग कर दी। 2018 के विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ ने 25 से ज्यादा रैलियां की थीं और छह से ज्यादा बड़े रोड शो किए थे। अपने धुआंधार चुनावी अभियान में उन्होंने 35 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार किया था। इनमें से 33 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। यही वजह है कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को विधानसभा चुनावों में प्रचार के लिए अपनी पसंद बताया है।

कर्नाटक में योगी आदित्यनाथ की मांग क्यों?

कर्नाटक में योगी आदित्यनाथ की इतनी डिमांड क्यों है। इसका सीधा सा कारण है। भाजपा की लाइन लेंथ के लिहाज से योगी एक परफेक्ट लीडर हैं। जिस तरह से उन्होंने यूपी में अपनी कार्यशैली को लेकर चर्चा में रहते हैं, उससे उनकी लोकप्रियता केवल यूपी ही नहीं पूरे देश में है। सियासी जानकारों की मानें तो योगी आदित्यनाथ का कर्नाटक में ताबड़तोड़ दौरा हर लिहाज से भाजपा के लिए सियासी फायदे का सौदा ही माना जाता है। इस समय कर्नाटक में जो सियासी माहौल बना हुआ है, उसको देखते हुए भी योगी आदित्यनाथ के चुनावी दौरे भाजपा के लिए काफी फायदेमंद होंगे।

2018 में कर चुके हैं प्रचार

कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा होने के साथ ही यहां राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। भाजपा अपने प्रत्याशियों के चयन और उनकी घोषणा के साथ-साथ स्टार प्रचारकों की सूची भी तैयार करने में जुट गई है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को कर्नाटक में बड़े स्टार प्रचारक के तौर पर इस बार भी आगे रखा जाएगा। वहीं कर्नाटक भाजपा की ओर से पहले से ही इस बार योगी आदित्यनाथ की चुनावी रैलियों की संख्या बढ़ाए जाने की मांग की जा रही है।

2018 में योगी आदित्यनाथ ने जिस तरीके से कर्नाटक में चुनावी प्रचार में भाजपा को जिताने के लिए माहौल बनाया था वह सफल हुआ था। यही कारण है कि इस बार भी कर्नाटक में फिर से सीएम योगी को उसी ताबड़तोड़ रैलियों की संख्या के लिहाज से दोबारा मांग हो रही है। 2018 में योगी आदित्यनाथ ने जब कर्नाटक में चुनावी जनसभाएं की थीं, तो यूपी में बतौर मुख्यमंत्री उनका कार्यकाल केवल एक साल का ही हुआ था। अब योगी दूसरी बार यूपी के सीएम बने हैं। उनके मॉडल की चर्चा यूपी ही नहीं पूरे देश में हो रही है इसलिए कर्नाटक भाजपा भी उसका फायदा उठाना चाह रही है।

कई मठ हैं प्रभावित

योगी आदित्यनाथ को कर्नाटक में बड़े स्टार प्रचारक के तौर पर देखे जाने के कई कारण भी हैं। योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्ववादी नेता के तौर पर जाना जाता है। कर्नाटक में पिछले कुछ समय से जिस तरह की राजनीतिक बिसात बिछी है उसको देखते हुए योगी आदित्यनाथ की राज्य में चुनावी जनसभाएं और दौरे भाजपा के लिए बड़ी सियासी मायने रखते हैं। वहीं कर्नाटक में कई ऐसे संगठन और मठ हैं जो योगी आदित्यनाथ से पूरी तरह प्रभावित हैं।

Ashish Pandey

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