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20 AAP विधायकों की सदस्यता खत्म करने को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

aman
By aman
Published on: 21 Jan 2018 4:13 PM IST
20 AAP विधायकों की सदस्यता खत्म करने को राष्ट्रपति ने दी मंजूरी
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20 AAP विधायकों की सदस्यता खत्म करने पर राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार को रविवार (21 जनवरी) को राष्ट्रपति से भी बड़ा झटका लगा। चुनाव आयोग के बाद अब राष्ट्रपति ने भी लाभ के पद को लेकर आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया है। चुनाव आयोग ने लाभ का पद मामले में आप के 20 विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया था।

इससे पहले आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया, कि मुख्य चुनाव आयुक्त एके जोती अपने रिटायरमेंट से पहले सारे पेंडिंग केस खत्म करना चाह रहे हैं, इसलिए आयोग फटाफट पुराने मामलों का निपटारा कर रहे हैं। बता दें कि एके जोति सोमवार (22 जनवरी) को रिटायर हो जाएंगे। हालांकि आप का कहना था कि चुनाव आयोग इसका फैसला नहीं कर सकता। इसका फैसला अदालत में किया जाना चाहिए। पार्टी ने कहा कि विधायकों का पक्ष नहीं सुना गया।

आप पार्टी की दिल्ली सरकार ने मार्च 2015 में 21 विधायकों को संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया जिसको लेकर प्रशांत पटेल नाम के वकील ने लाभ का पद बताकर राष्ट्रपति के पास शिकायत करते हुए इन विधायकों की सदस्यता खत्म करने की मांग की थी. हालांकि विधायक जनरैल सिंह के पिछले साल विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद इस मामले में फंसे विधायकों की संख्या 20 हो गई थी।

ये हैं AAP के 20 विधायक जिनकी सदस्यता गई:

1. प्रवीण कुमार 2. शरद कुमार 3. आदर्श शास्त्री 4. मदन लाल 5. चरण गोयल 6. सरिता सिंह 7. नरेश यादव 8. जरनैल सिंह 9. राजेश गुप्ता 10. अलका लांबा 11. नितिन त्यागी 12. संजीव झा 13. कैलाश गहलोत 14. विजेंद्र गर्ग 15. राजेश ऋषि 16. अनिल कुमार वाजपेयी 17. सोमदत्त 18. सुलबीर सिंह डाला 19. मनोज कुमार और 20. अवतार सिंह।

...तो पार्टी सुप्रीम कोर्ट जाएगी

दूसरी ओर, आप नेता गोपाल राय ने कहा, कि 'पार्टी इसके खिलाफ हाईकोर्ट और जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट जाएगी। सरकार उपचुनाव को लेकर जनता पर बोझ नहीं डालना चाहती लेकिन बीजेपी इस पर आमादा है।'

विपक्ष ने स्वागत किया

दूसरी ओर, कांग्रेस और बीजेपी ने इसका स्वागत किया है। बीजेपी नेता मनोज तिवारी ने कहा, कि 'निर्वाचन आयोग ने आप विधायकों को पूरा मौका दिया कि वो अपना पक्ष रखें लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। ये मामला पिछले दो साल से ज्यादा का है। अब आप विधायक कह रहे हैं कि उनका पक्ष नहीं सुना गया ओर आयोग ने एकतरफा फैसला लिया। ​इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने भी आप विधायकों पर यही टिप्पणी की थी कि अब तक कहां थे।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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