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इलाहाबाद हाईकोर्ट का एक फैसला 43 साल पहले बना था इमरजेंसी का कारण
लखनऊ: भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान देश में आपातकाल घोषित किया गया था। आज यानी 25 जून को इस इमरजेंसी को 43 साल पूरे हो गए हैं। 25 जून 1975 की मध्य रात्रि से लगी इमरजेंसी की घोषणा इंदिरा गांधी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक फैसले की वजह लगाई थी। ये इमरजेंसी 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक लगी रही।
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इस इमरजेंसी के दौरान तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार की सिफारिश पर तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने भारतीय संविधान की धारा 352 के अधीन देश में इमरजेंसी की घोषणा कर दी थी। यह समय भारतीय राजनीति के इतिहास का एक काला अध्याय और विवादस्पद काल था।
इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला था इमरजेंसी का मुख्य कारण
ऐसा माना जाता है कि जब रायबरेली के चुनाव अभियान में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने के आरोप में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के खिलाफ फैसला सुनाया था, तभी इमरजेंसी की नींव रख दी गई थी। यानी 12 जून 1975 को ही तय हो गया था कि देश में इमरजेंसी लागू होने वाली है। हाई कोर्ट ने इंदिरा गांधी को दोषी मानते हुए उनके चुनाव को खारिज कर दिया था।
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इसके साथ हाई कोर्ट ने इंदिरा को सजा सुनाते हुए छह साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया और साथ ही किसी भी तरह के पद संभालने पर रोक भी लगा दी।
बता दें, वो राज नारायण ही थे जिन्होंने साल 1971 में इंदिरा गांधी के खिलाफ चुनाव हारने के बाद कोर्ट में मामला दाखिल कराया था। वहीं, इस मामले पर जस्टिस जगमोहनलाल सिन्हा ने इंदिरा गांधी के चुनाव को खारिज करने का फैसला भी सुनाया था। ऐसे में जहां सुप्रीम कोर्ट ने 24 जून 1975 को आदेश बरकरार रखा तो वहीं प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बने रहने की इजाजत भी इंदिरा को दी।
इंदिरा के खिलाफ विपक्ष हो गया था एकजुट
24 जून 1975 को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद जयप्रकाश नारायण ने देश भर में रोज प्रदर्शन करने का आह्वाहन कर दिया। उन्होंने ऐसा इंदिरा के इस्तीफे के लिए किया। नारायण का कहना था कि जब तक इंदिरा इस्तीफा नहीं देंगी तब तक पूरे देश में रोज प्रदर्शन होगा। वहीं, संजय गांधी को भी ये बात गवारा नहीं थी की उनकी मां के हाथों से सत्ता चली जाए।
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ऐसे में कुछ गड़बड़ न हो और सत्ता इंदिरा के हाथों में ही रहे इसके लिए 25 जून की रात देश में इंदिरा ने इमरजेंसी घोषित कर दी। इंदिरा ने तत्कालीन राष्ट्रपति फखरूद्दीन अली अहमद से 25 जून की आधी रात को ही इमरजेंसी के फैसले पर दस्तखत करवा थे।
इमरजेंसी लगते ही अटल बिहारी वाजपेयी, लाल कृष्ण आडवाणी, मुलायम सिंह यादव जैसे देश के कई दिग्गज नेताओं को जेल में भर दिया गया। यही नहीं, इस दौरान संजय गांधी ने भी काफी मनमानी की और कई पुरुषों की जबरन नसबंदी करवा दी।
इमरजेंसी के बाद मुंह के बल गिरी इंदिरा सरकार
देश में इमरजेंसी लगाना इंदिरा गांधी को भारी पड़ गया। ढाई साल तक चली इस इमरजेंसी के चलते इस अंजाम कांग्रेस को आम चुनाव हारकर चुकानी पड़ी। ऐसे में 23 मार्च 1977 को मोरार जी देसाई ने सरकार बनाई। ये पहला मौका था जब आजादी के बाद किसी गैर कांग्रेसी पार्टी ने सरकार बनाई।