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CAG का एक और धमाका: 4,862 में से सिर्फ 349 बड़े बांधों में है आपदा प्रबंधन योजना

Rishi
Published on: 22 July 2017 8:43 PM IST
CAG का एक और धमाका: 4,862 में से सिर्फ 349 बड़े बांधों में है आपदा प्रबंधन योजना
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नई दिल्ली : नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने जल संसाधान मंत्रालय की बाढ़ नियंत्रण एवं प्रबंधन योजनाओं के क्रियान्वयन पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में निर्मित 4,862 बड़े बांधों में से सिर्फ 349 बांधों के लिए ही आपात आपदा कार्य योजना तैयार है।

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शुक्रवार को संसद में पेश की गई सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है, "देश के 4,862 बड़े बांधों में से सिर्फ 349 बांधों के लिए आपात कार्य योजना या आपदा प्रबंधन योजना तैयार है, मतलब मार्च, 2016 तक सिर्फ सात फीसदी बड़े बांधों के लिए आपात कार्य योजना तैयार है। वहीं मार्च, 2016 तक सिर्फ एक बांध पर मॉक ड्रिल की गई।"

सीएजी ने यह भी खुलासा किया है कि ऑडिट के लिए चयनित 17 राज्यों या केंद्र शासित क्षेत्रों में से सिर्फ हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु ने मानसून आने से पहले और मानसून के बाद बांधों की जांच-पड़ताल करवाई, जबकि सिर्फ तीन राज्यों ने अंशत: जांच करवाई।

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बांधों की सुरक्षा पर सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 में ही बांध सुरक्षा कानून लाने की पहल की गई थी, लेकिन अगस्त, 2016 तक इस पर कोई काम नहीं हुआ।

रिपोर्ट के अनुसार, बांधों की मरम्मत तक के लिए कार्यक्रम नहीं तैयार किया गया है और संरचनागत/मरम्मत कार्यो के लिए पर्याप्त धनराशि भी मुहैया नहीं कराई गई है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "हमने पाया कि पांच बड़े बांधों, जिनमें दो बिहार के, दो उत्तर प्रदेश के और एक पश्चिम बंगाल का है, में विशेषज्ञ समिति द्वारा सुरक्षा समीक्षा के दौरान कुछ खामियां और अपूर्णता पाई गई, लेकिन धनराशि की अनुपलब्धता के चलते उपचारात्मक कदम नहीं उठाए गए।"

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भारत बाढ़ के खतरे वाला देश है, जहां 32.9 करोड़ हेक्टेयर के भौगोलिक क्षेत्र में से 456.4 लाख हेक्टेयर इलाका बाढ़ के खतरे वाला क्षेत्र है।

सीएजी ने कहा है कि हर साल औसतन 75.5 लाख हेक्टेयर इलाका बाढ़ की चपेट में आता है, औसतन हर साल बाढ़ के चलते 1,560 जानें जाती हैं तथा फसलों के बर्बाद होने, घरों के क्षतिग्रस्त होने और जन सुविधाओं के ध्वस्त होने से हर साल औसतन 1,805 करोड़ रुपये की हानि होती है।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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