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डेरा में रेप: भंडा फोड़ने वाले पत्रकार के परिवार को बस न्याय का इंतजार

aman
By aman
Published on: 26 Aug 2017 9:22 PM GMT
डेरा में रेप: भंडा फोड़ने वाले पत्रकार के परिवार को बस न्याय का इंतजार
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सिरसा: डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम सिंह के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति आज भी न्याय के लिए भटक रहे हैं। बता दें, कि सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा में 15 साल पहले दो साध्वियों के साथ बलात्कार की खबर छापने वाले पत्रकार छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मृतक के बेटे अंशुल ने बताया, कि वकील से पत्रकार बने उनके पिता रामचंद्र ने कई मीडिया संस्थानों में काम किया था।'

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अंशुल ने बताया, कि विभिन्न मीडिया संस्थानों में रहकर उनको खुलकर लिखने की आजादी नहीं मिलती थी। लिहाजा उन्होंने 'पूरा सच' नाम से अपना एक अखबार निकाला। इसी पत्रकारीय जीवन में उन्होंने डेरा सच्चा सौदा में दो साध्वियों के साथ रेप की घटना को बिना किसी डर के छापा। इसी दौरान रामचंद्र ने साध्वी की ओर से तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी को भेजी गई चिट्ठी को भी प्रकाशित किया। इस खबर के छपने के कुछ दिन बाद ही रामचंद्र को उनके घर के बाहर गोली मार दी गई।

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खबर छपने के बाद जान के दुश्मन बने थे

अंशुल ने बताया, कि उनके पिता को घायल स्थिति में अस्पताल में भर्ती कराया गया। करीब 28 दिनों के बाद उनकी मौत हो गई। अंशुल ने ये भी बताया, कि 'साध्वी से रेप की खबर अख़बार में छपने के बाद उनके पिता को कई बार निशाना बनाया गया। उन्हें धमकी भी दी जाती थी।' बाद में हाईकोर्ट ने रेप मामले का स्वतः संज्ञान लिया और इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी। इसके बाद 24 अक्टूबर 2002 को दो हमलावरों ने उनके पिता को गोली मार दी।

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पत्रकार रामचंद्र को मारी थी 5 गोलियां

अंशुल ने बताया, 'उनके पिता को हमलावरों ने पांच गोलियां मारी थी। जब तक उनके पिता अस्पताल में भर्ती थे, इस दौरान भी उन्होंने स्थानीय पुलिस से गुरमीत राम रहीम के खिलाफ आरोप लगाए। लेकिन पुलिस ने एफआईआर में डेरा प्रमुख का नाम शामिल नहीं किया।' अंशुल ने बताया, कि उस वक़्त उनकी उम्र महज 21 साल थी। इस उम्र में उन्हें यह भी पता नहीं था कि आखिर वह अब न्याय के लिए कहां जाएं?

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2014 में मामले की सीबीआई जांच के आदेश

अंशुल ने ये भी बताया, कि पुलिस ने उनके पिता का लिखित में बयान तक दर्ज नहीं किया था। इसके बाद उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर याचिका दायर की। साल 2014 में मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए गए, जिसको डेरा सच्चा सौदा ने चुनौती दी।

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लड़ाई अब अंतिम दौर में

रामचंद्र के बेटे अंशुल ने कहा, कि 'हम पर भी मामले को वापस लेने के लिए दबाव बनाया गया। उसने बताया कि 'बाबा संत के भेष में अपराधी हैं। अब अंशुल की कानूनी लड़ाई पंचकूला की उसी सीबीआई अदालत में आखिरी चरण पर पहुंच गई है, जिसने 25 अगस्त को रेप मामले में बाबा राम रहीम को दोषी ठहराया है।'

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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