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AIMPLB ने ट्रिपल तलाक के मामले में मोदी सरकार के हस्तक्षेप को कोसा

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने ट्रिपल तलाक और यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वली रहमानी ने ट्रिपल तलाक के मसले पर मोदी सरकार के हस्तक्षेप को कोसा है । उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक पर सरकार का विरोध गलत है।मोदी सरकार देश के महत्वपूर्ण मुद्दों से जनता का ध्यान भटका रही है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ट्रिपल तलाक मामले पर लॉ कमीशन का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

tiwarishalini
Published on: 13 Oct 2016 9:02 AM GMT
AIMPLB ने ट्रिपल तलाक के मामले में मोदी सरकार के हस्तक्षेप को कोसा
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नई दिल्ली : ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के महासचिव मौलाना मोहम्मद वली रहमानी ने ट्रिपल तलाक और यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। वली रहमानी ने ट्रिपल तलाक के मसले पर मोदी सरकार के हस्तक्षेप को कोसा है । उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक पर सरकार का विरोध गलत है।मोदी सरकार देश के महत्वपूर्ण मुद्दों से जनता का ध्यान भटका रही है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ट्रिपल तलाक मामले पर लॉ कमीशन का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। बता दें कि इससे पहले लॉ कमीशन ने ट्रिपल तलाक, बहु विवाह और दूसरी अन्य प्रथाओं को लेकर लोगों की राय जानने के लिए 16 सवाल पूछे थे।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक और बहु विवाह को खत्म करने के लिए हलफनामा दाखिल कर इन्हें खत्म करने की वकालत की है।

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और क्या कहा मौलाना वली रहमानी ने ?

-मौलाना रहमानी ने कहा कि भारत जैसे विविधता में एकता वाले देश के लिए यूनिफॉर्म सिविल कोड बिलकुल भी सही नहीं है।

-यहां अलग-अलग धर्म के लोग रहते हैं।

-सभी लोग एक संविधान के मुताबिक रह रहे हैं।

-सरकार इसको तोड़ने की कोशिश कर रही है।

-यह संविधान के खिलाफ है।

मुस्लिमों को हमेशा कमतर आंका गया

-मौलाना रहमानी ने कहा कि भारत की आजादी के आंदोलन में मुस्लिम बराबरी से शरीक हुए।

-लेकिन बंटवारे के बाद मुस्लिमों को हमेशा कमतर आंका गया।

-कानून में एक समझौते के तहत मुस्लिम इस देश में रह रहे हैं।

-कानून हमें हमारे धर्म को मानने की इजाजत देता है।

-मौलाना रहमानी ने कहा कि केंद्र सरकार और लॉ कमीशन धर्म की आजादी की भावना के खिलाफ काम कर रही है

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हर कल्चर का आदर किया जाना चाहिए

-मौलाना रहमानी ने कहा कि अमेरिका में हर किसी को अपना कानून मानने और पहचान बनाए रखने की इजाजत है, भारत इस मामले में उसे क्यों नहीं फॉलो करता?

-यूनिफॉर्म सिविल कोड भारत के लिए सही नहीं है। देश में कई कल्चर हैं, उनका आदर किया जाना चाहिए।

-मुसलमान अपने धार्मिक नियम-कायदों से संतुष्ट हैं। यहां तक कि हर कम्युनिटीअपने धार्मिक नियमों के साथ जीवन बिताना चाहती है।

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुसलमीन (AIMIM)के अध्यक्ष और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य असदुद्दीन ओवैसी ने भी बोर्ड का समर्थन करते हुए कहा कि धर्म के मामले में सरकार को दखल नहीं देना चाहिए। यूनिफॉर्म सिविल कोड भारत के लिए ठीक नहीं है। लॉ कमीशन की कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए ओवैसी ने जनमत संग्रह कराने की मांग की है। ओवैसी ने लॉ कमीशन द्वारा पूछे गए 16 सवालों को यूनिफॉर्म सिविल कोड के पक्ष में होने का आरोप लगाया है।

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tiwarishalini

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