×

पराली जलाने के कारण प्रदूषित हो रही दिल्ली-एनसीआर की हवा

Manali Rastogi
Published on: 13 Oct 2018 3:30 AM GMT
पराली जलाने के कारण प्रदूषित हो रही दिल्ली-एनसीआर की हवा
X

नई दिल्ली: पिछले साल की तरह इस बार भी प्रदूषण का हवाई हमला दिल्ली-एनसीआर पर शुरू हो गया है। दरअसल, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राजधानी दिल्ली से सटे हुए राज्य हैं। इन राज्यों में अगली फसल की तैयारी के लिए खरीफ की कटाई कर रहे किसानों ने एक बार फिर पराली (फसल की खूंट) जलाना शुरू कर दिया है, जिसके कारण यहां से उठता धुयां दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लोगों के लिए सांस लेने में मुश्किल पैदा कर रहा है।

यह भी पढ़ें: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में भारत की बड़ी जीत, 188 वोटों से बना सदस्य

पिछले साल 2017 में तो सुप्रीम कोर्ट की पहल के बाद मोदी सरकार ने दिवाली के मौके पर पटाखों को ही बैन कर दिया था। बता दें, ये तर्क दिया गया था कि पटाखे जलाने से प्रदूषण पैदा हुआ और फिर इससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत आई। ये कहना गलत नहीं है कि पटाखों से प्रदूषण होता है लेकिन दिल्ली-एनसीआर पर प्रदूषण का हवाई हमला होना एक अलग वजह के कारण है।

यह भी पढ़ें: इस तरह बनाएं फेस्टिवल को खास, पहने ज्वेलरी और दिखे स्टाइलिश

अब पटाखे बैन करने के बाद ये बात सामने आई है कि असली प्रदूषण तो खेतों में जलाई जाने वाली पराली से हो रहा है। ऐसे में अब विलेन पटाखे नहीं बल्कि पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खेतों में जलाई जाने वाली पराली है। बता दें, कॉर्बन डाइऑक्साइड का संचार पराली जलाने से अन्य प्रदूषण स्रोतों से तकरीबन 64 गुना अधिक होता है।

यह भी पढ़ें: हिंदू-मुस्लिम आस्था का प्रतीक है पाक में ये शक्तिपीठ,कभी यहां मां प्रसन्न करने के लिए अंगारों पर चलते थे लोग

ऐसी स्थिति में अब आप खुद समझ सकते हैं कि इसका असर वातावरण के साथ-साथ जनता की सेहत पर कितना पड़ेगा। वहीं, इंडियन एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (IARI) द्वारा जारी आकड़ों की मानें तो पराली जलाने से तकरीबन 150 मिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड, 9 मिलियन टन कार्बन मोनोऑक्साइड व 0.25 मिलियन टन बेहद जहरीली ऑक्साइड ऑफ सल्फर वातावरण में भर जाती है।

Manali Rastogi

Manali Rastogi

Next Story