TRENDING TAGS :
आईएनएस अरिहंत: 9 पॉइंट्स में जानें पहली न्यूक्लियर पनडुब्बी के बारे में
नई दिल्ली : आज धनतेरस के दिन दुनिया जहां हमारी खरीददारी की ताकत देखेगी वहीं उसे देखने को मिली हमारी पहली परमाणु पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत जिसे पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को समर्पित किया है। आइए जानते हैं अरिहंत के बारे में वो सब कुछ जो बेहद खास है।
ये भी देखें : परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत ने पूरी की पहली पेट्रोलिंग, PM बोले- अब दुश्मन न करें कोई दुस्साहस
ये भी देखें : INS अरिहंत बढ़ाएगा देश की परमाणु क्षमता, जल,थल और वायु से भारत दाग सकेगा मिसाइलें
ये भी देखें : मिजोरम चुनाव: कांग्रेस को झटका,विधानसभा अध्यक्ष हिफेई BJP में शामिल
- अरिहंत न्यूक्लियर ट्रायड है इसका अर्थ ये है कि ये जल, थल, नभ कहीं भी दुश्मन को मार गिराने में सक्षम है।
- अरिहंत मिराज-2000 और अग्नि बैलेस्टिक मिसाइल से लैस था। लेकिन अब ये पानी के अंदर भी दुश्मन से निपटने में सक्षम है।
- अरिहंत के बाद आईएनएस अरिधमान भी करीब-करीब तैयार है, जो जल्द ही आपके सामने होगी।
- अरिहंत जैसी सबमरीन अमेरिका के पास 70 से भी अधिक हैं, जबकि रूस के पास 30 और यूके व फ़्रांस के पास 12-12 हैं।
- अरिहंत की क्षमता 750 से 3500 किलोमीटर तक हमला करने की है।
- इस तरह की सबमरीन के लिए भारत ने 1970 में प्रयास शुरू किया।
- निर्माण 90 के दशक में शुरू हुआ।
- ये निर्माण सीक्रेट अडवांस्ड टैक्नॉलजी वेसेल प्रॉजेक्ट के अंतर्गत शुरू हुआ।
- अरिहंत साल 2009 में विशाखापत्नम में शिप बिल्डिंग सेंटर में लॉन्च किया गया।
Next Story