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रामगोपाल की वापसी पर बोले अमर सिंह- बड़े दिलवाले नेताजी हैं सब बापों के बाप
नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के चाणक्य प्रोेफेसर रामगोपाल की घर वापसी पर अमर सिंह ने कहा कि ''मुलायम सिंह यादव के फैसले पर टिप्पणी करने का उन्हें कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने ही रामगोपाल को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया था और अब अगर नेताजी ने उनकी दोबारा घर वापसी कराई है तो सबको यह फैसला मंजूर होना चाहिए। मुलायम सिंह का दिल बहुत बड़ा है। वो ज्यादा दिनों तक किसी से नाराज नहीं रहते। वो सीएम अखिलेश यादव के भी बाप हैं। वो समाजवादी पार्टी के भी बाप हैं। मैं तो कहूंगा कि वो बापों के बाप हैं।''
आगे अमर सिंह ने कहा, ''इस फैसले से पता चलता है कि रामगोपाल के लिए उनके दिल में दंड का प्रावधान खत्म हो गया है। राज्यसभा में मुझे उनके नीचे काम करने में कोई दिक्कत नहीं है। भले ही सबको लगता हो कि परिवार में कलह मची हुई है, लेकिन आपको बता दूं कि इस परिवार में सब अलग-अलग खाते जरूर हों, लेकिन जब प्रतिद्वंदियों को मारने की बात आती है तो सब एक होकर वार करते हैं।''
अमर सिंह पर छिड़ी थी चाचा-भतीजे के बीच जंग
सीएम अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल के बीच अमर सिंह को लेकर ही ठनी थी। अखिलेश ने जहां अमर सिंह पर परिवार और पार्टी को तोड़ने का आरोप लगाया था तो वहीं, शिवपाल ने अपने भतीजे को ही मंच पर झूठा करार कर दिया था। रिश्तों की खाई इतनी गहरी हो गई थी कि मुलायम सिंह भी अपने बेटे के खिलाफ खड़े हो गए थे। नेताजी ने अमर सिंह को बुरे वक्त का साथी बताते हुए कहा था कि वो उनके भाई की तरह हैं।
इन्हीं सबके बीच अखिलेश का खुलकर समर्थन करने की सजा प्रोफेसर रामगोपाल यादव को मिली। उनके लेटर बम फोड़ने के बाद मुलायम सिंह इतने खफा हुए कि उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। हाल ही में रामगोपाल यादव प्रेस कॉन्फ्रेंस में रो भी पड़े थे। पार्टी को याद करते हुए कहा था कि मुलायस सिंह को उन्होंने कभी धोखा नहीं दिया। समाजवादी पार्टी में रहूं या ना रहूं, लेकिन हमेशा दिल से उनके ही साथ रहूंगा। इसके बाद बुधवार को नोटबंदी पर उन्होंने राज्यसभा में जिस तरह पार्टी का पक्ष रखा, उसे देखकर सब हैरान रह गए। सियासी गलियारों में यह चर्चा होनी शुरू हो गई थी कि क्या रामगोपाल की पार्टी में फिर से वापसी होने वाली है। गुरुवार को नेताजी की मुहर के साथ इस सवाल का जवाब भी सबको मिल गया।