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सेना प्रमुख बोले- खुश होता अगर प्रदर्शनकारी पत्थर की बजाए गन का इस्तेमाल कर रहे होते
नई दिल्ली: घाटी में पत्थरबाजों से निपटने के लिए आर्मी जीप पर एक कश्मीरी को बांधे जाने की घटना का सेना प्रमुख बिपिन रावत ने बचाव किया है। रावत बोले, कि 'सैनिकों को कश्मीर के 'डर्टी वॉर' से निपटने के लिए नए-नए तरीके खोजने की जरूरत है। जब लोग हम पर पत्थर और पेट्रोल बम फेंक रहे हों तो, मैं अपने लोगों से देखते रहने और मरने के लिए नहीं कह सकता।'
सेना प्रमुख बिपिन रावत ने यह भी कहा, कि 'मैं खुश होता अगर प्रदर्शनकारी पत्थर फेंकने की बजाए हथियारों का इस्तेमाल कर रहे होते।' रावत के मुताबिक, कश्मीर मुद्दे के ठोस हल की जरूरत है। हर किसी को इसमें शामिल होना होगा।
गोगोई को सम्मानित किया गया था
गौरतलब है कि बीते दिनों जीप पर एक कश्मीरी शख्स को बांधने वाले मेजर लीतुल गोगोई को सम्मानित किया गया है। इसके बाद से अलगाववादी नेताओं सहित कुछ राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। वहीं, केंद्र सरकार इस मुद्दे पर सेना के साथ खड़ी है।
लोगों की जान बचाने के लिए बांधा था
इसके बाद, गोगोई ने भी मीडिया के सामने आकर पूरी घटना की जानकारी दी थी। कहा था, कि उनका यह कदम स्थानीय लोगों की जान बचाने के लिए उठाया गया था। उन्होंने बताया यदि उस वक़्त वो ऐसा नहीं करते तो हिंसक हो चुकी भीड़ पर मजबूरन फायरिंग करना पड़ता। ऐसा करने से कम से कम 12-13 लोगों की जान चली जाती। दूसरी तरफ, सेना ने साफ किया है कि गोगोई के इस सम्मान से जीप वाली घटना का कोई संबंध नहीं है। लेकिन इस मामले पर राजनीति जारी है।