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अरुण जेटली ने कहा- निजता का अधिकार 'तार्किक' सीमा के अधीन
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा, कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के रूप में चिन्हित करना एक 'सकारात्मक प्रगति' है। साथ ही जेटली ने यह भी कहा, कि 'निजता का अधिकार 'निष्पक्ष, न्यायसंगत और तार्किक' सीमाओं के अधीन होगा, जैसा कि अन्य अधिकारों के साथ है। उन्होंने कहा, कि आधार के जरिए निजी सूचना का इस्तेमाल 'न्यायसंगत' है, क्योंकि यह सामाजिक लाभ का प्रसार करने वाला है।'
अरुण जेटली ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गुरुवार को दिए गए फैसले के संदर्भ में कहा, 'एक के बाद एक फैसलों का आना सकारात्मक प्रगति है, क्रमिक प्रगति के साथ मौलिक अधिकार और सुदृढ़ होते जाएंगे।'
'सरकार का मत वही है, जो...'
सुप्रीम कोर्ट की 9 सदस्यीय संविधान पीठ ने गुरुवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए कहा कि संविधान के अनुच्छेद- 21 के तहत निजता का अधिकार मौलिक अधिकार है और संविधान में प्रदत्त जीवन एवं स्वतंत्रता के अधिकार के अभिन्न हिस्से के तौर पर इसे सुरक्षित रखा गया है। जेटली ने जोर देकर कहा, कि 'सरकार का मत वही है, जो सुप्रीम कोर्ट ने व्यक्त किया है और राज्यसभा में आधार विधेयक पेश करते हुए उन्होंने भी यही बात कही थी।'
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अनुच्छेदों में वर्णित सीमाएं इस पर भी लागू
अरुण जेटली ने बताया, कि 'वित्त विधेयक के तौर पर पेश किए गए आधार विधेयक में निजता की सुरक्षा के प्रावधान रखे गए हैं। उन्होंने कहा, सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि प्रथम दृष्टया यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत ही आता है, कुछ मामलों में यह अनुच्छेद 19 के तहत शामिल किया जा सकता है। इसलिए इन अनुच्छेदों में वर्णित सीमाएं इस पर भी लागू होती हैं।'
आईएएनएस