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असदुद्दीन ओवैसी बोले- सलमान नदवी मोदी के इशारे पर कर रहे काम

aman
By aman
Published on: 12 Feb 2018 5:45 AM GMT
असदुद्दीन ओवैसी बोले- सलमान नदवी मोदी के इशारे पर कर रहे काम
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असदुद्दीन ओवैसी बोले- सलमान नदवी मोदी के इशारे पर कर रहे काम

हैदराबाद: मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार (12 फ़रवरी) को कहा, कि मौलाना सलमान हुसैनी नदवी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) में दरार डालने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के इशारों पर काम कर रहे हैं।' उन्होंने मंदिर के लिए बाबरी मस्जिद की जमीन छोड़ देने वालों के सामाजिक बहिष्कार का भी आह्वान किया। ओवैसी ने नदवी का नाम लिए बिना कहा, 'कुछ लोग मोदी के इशारों पर नाच रहे हैं।'

नदवी को अयोध्या में बाबरी मस्जिद की जमीन को राम मंदिर के निर्माण के लिए छोड़ देने के अपने प्रस्ताव को लेकर रविवार को हुई बोर्ड की बैठक में बोर्ड से हटा दिया गया था।

बाबरी मस्जिद पर कोई समझौता नहीं

ओवैसी ने बोर्ड की तीन दिवसीय बैठक के समाप्त होने के बाद बोर्ड की ओर से आयोजित सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए नदवी पर बोर्ड के रुख से अलग जाने पर निशाना साधते हुए कहा, कि 'बाबरी मस्जिद पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता।'

ये कहा था नदवी ने

नदवी ने शुक्रवार को शुरू हुई बोर्ड की 26वीं पूर्ण बैठक की पूर्वसंध्या पर बेंगलुरु में श्रीश्री रविशंकर से मुलाकात की थी और यह प्रस्ताव रखा था, कि '6 दिसंबर, 1992 तक जिस जमीन पर बाबरी मस्जिद खड़ी थी, उस जमीन को राम मंदिर निर्माण के लिए छोड़ देना चाहिए। किसी और जमीन पर मस्जिद का निर्माण करना चाहिए।'

क्या हम 'मस्जिद-ए-अक्सा' भी छोड़ दें

ओवैसी ने कहा, 'वह (नदवी) कह रहे हैं कि उनके प्रस्ताव से देश में शांति और एकता सुनिश्चित होगी। क्या हम अरब में एकता के नाम पर मस्जिद-ए-अक्सा (जेरूसलम में अल-अक्सा मस्जिद) को भी छोड़ दें।'

मस्जिद को मस्जिद ही रहने दें

ओवैसी ने आगे कहा, कि 'नदवी उन मौलवियों में से हैं, जिन्होंने 2001 में उस फतवे पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें कहा गया था कि मस्जिद को अनंत काल तक के लिए मस्जिद ही रहने देना चाहिए और मुसलमान बाबरी मस्जिद की जमीन नहीं छोड़ सकते।'

आईएएनएस

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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