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पाकिस्तान के संपर्क में थी आसिया अंद्राबी, भारत विरोधी गतिविधि में शामिल
नई दिल्ली : कश्मीरी महिला अलगाववादी समूह 'दुख्तरान-ए-मिल्लत' की प्रमुख आसिया अंदराबी और उनकी दो सहयोगियों को शुक्रवार को 10 दिनों के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया गया। एजेंसी ने अंदराबी, सोफी फहमीदा और नाहिदा नसरीन को देशद्रोह के मामले में एनआईए की विशेष न्यायाधीश पूनम बांबा के समक्ष पेश किया गया, जिसके बाद अदालत ने तीनों आरोपियों से 16 जुलाई तक पूछताछ करने की एजेंसी को इजाजत दे दी।
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तीनों आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए एनआईए ने अदालत में दलील दी कि इनसे हिरासत में पूछताछ एक बड़ी साजिश का खुलासा करने के लिए जरूरी है, क्योंकि इनलोगों ने आतंकवादियों और कश्मीर घाटी में सक्रिय कार्यकर्ताओं को कई फोन किए हैं।
एजेंसी ने अदालत से यह भी कहा कि जांच के दौरान, 'दुख्तरान-ए-मिल्लत' की सदस्यों और सहयोगियों के कई मोबाइल नंबरों को जब्त किया गया है और आगे की जांच की गई।
एनआईए ने अदालत से कहा, "जांच के दौरान, यह पाया गया कि ये लोग पाकिस्तान में अपने सहयोगियों के लगातार संपर्क में थे और भारत विरोधी गतिविधि में संलिप्त थे।"
एजेंसी ने कहा, "मौजूदा जांच से यह खुलासा होता है कि आरोपी महिलाएं आसिया अंदराबी, सोफी फहमीदा और नाहिदा नसरीन साजिश रचने में संलिप्त पाई गईं और भारत की एकता और संप्रभुता को बुरी तरह से अस्थिर करने की दिशा में काम किया।"
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एजेंसी ने कहा, "साइबर स्पेश में गतिविधि के तहत, ये लोग पाकिस्तानी प्रतिष्ठानों के समर्थन में संगठित अभियान चला रहे थे और इसके साथ ही पाकिस्तान में आतंकवादी संस्थाओं के समर्थन का प्रबंध कर रहे थे।"
बचाव पक्ष के वकील सतीश टम्टा ने एनआईए की याचिका का विरोध किया।
एनआईए ने आरोप लगाया कि अंदराबी और उसकी सहयोगी सक्रिय रूप से आतंकवादी संगठन 'दुख्तरान-ए-मिल्लत' चला रही थी और कई मीडिया मंचों का उपयोग कर घृणित भाषणों को प्रचारित कर रही हैं, जिससे भारत की अखंडता, सुरक्षा और संप्रभुता को खतरा है।
एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधि(रोकथाम) अधिनियम के अंतर्गत इनलोगों पर मामला दर्ज किया है।