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इन 2 घातक हथियारों की होगी आर्मी में इंट्री, खरीद के लिए विदेश गई टीम

Rishi
Published on: 3 July 2018 7:20 PM IST
इन 2 घातक हथियारों की होगी आर्मी में इंट्री, खरीद के लिए विदेश गई टीम
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नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली से बड़ी खबर मिल रही है कि केंद्र सरकार ने एक आर्मी ब्रिगेडियर के नेत्रत्व में 9 सदस्यीय 'अधिकारप्राप्त समिति' को अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, इजरायल और यूएई रवाना किया है। जो हमारे ऑर्म्ड फोर्सेज के लिए असॉल्ट राइफलों और क्लोज-क्वॉर्टर बैटल कार्बाइनों के खरीद की संभावनाएं देखेगी।

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रक्षा मंत्रालय ने इसी वर्ष मार्च में 72,400 असॉल्ट राइफलों, 93,895 क्लोज-क्वॉर्टर बैटल कार्बाइनों की खरीद प्रक्रिया को आरंभ किया था।

ये अधिकारप्राप्त समिति शनिवार को रवाना हुई। समिति इन देशों में ऑरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स या वेंडर्स की राइफलों व कार्बाइनों को देखेगी और तय करेगी की ये हमारे लिए कितने सही हैं। का मूल्यांकन करेगी।

आपको बता दें इन राइफलों और कार्बाइनों को चीन,पाकिस्तान सीमा पर तैनात ऑर्म्ड फोर्सेज के जवानों दिया जाना है।

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देश में होगा ट्रायल

जो हथियार समिति के मानकों पर खरे उतरेंगे उनका ट्रायल देश में किया जाएगा। इसके बाद ट्रायल में पास हथियार के लिए रक्षा मंत्रालय निविदा निकालेगी।

कितना आएगा खर्च

राइफलों पर 1,798 करोड़ और कार्बाइनों की खरीद पर 1,749 करोड़ रुपये खर्च होने हैं।

कैसे होनी है डिलेवरी

ट्रायल में पास हथियारों की खरीद को डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल से खरीद की मंजूरी मिलने के 3 से 12 माह के अंदर इन हथियारों की डिलेवरी हो सकेगी।

लग गए 14 साल

आर्मी ने वर्ष 2005 में 382 इनफैंटरी के लिए असॉल्ट राइफलों और कार्बाइनों की मांग की थी। लेकिन अब जाकर उसे ये हथियार नसीब होंगे।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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