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एक परिवार को बड़ा बताने के लिए नेताजी के योगदान को भुलाने का किया गया प्रयास- मोदी
नई दिल्ली: देश भर में आज आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इस खास मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर पहुंचकर राष्ट्रध्वज फहराया। इस दौरान अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि 'आज मैं उन माता पिता को नमन करता हूं जिन्होंने नेता जी सुभाष चंद्र बोस जैसा सपूत देश को दिया। मैं नतमस्तक हूं उस सैनिकों और परिवारों के आगे जिन्होंने स्वतंत्रता की लड़ाई में खुद को न्योछावर कर दिया।'
बता दे कि आजाद हिंद सरकार की स्थापना सुभाष चंद्र बोस के विचारों से प्रेरित होकर 21 अक्टूबर, 1943 को सिंगापुर में की गई थी।
नेताजी के योगदान को भुलाने का किया गया प्रयास
मोदी ने आगे कहा 'आज मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि स्वतंत्र भारत के बाद के दशकों में अगर देश को सुभाष बाबू, सरदार पटेल जैसे व्यक्तित्वों का मार्गदर्शन मिला होता, भारत को देखने के लिए वो विदेशी चश्मा नहीं होता, तो स्थितियां बहुत भिन्न होती।
ये भी दुखद है कि एक परिवार को बड़ा बताने के लिए, देश के अनेक सपूतों, वो चाहें सरदार पटेल हों, बाबा साहेब आंबेडकर हों, उन्हीं की तरह ही, नेताजी के योगदान को भी भुलाने का प्रयास किया गया।'
नई ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए संकल्प लेकर आगे बढ़ना होगा-मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी के जीवन का एक ही मकसद था, एक ही मिशन था वह था देश की आजादी। यही उनकी विचारधारा थी और यही उनका कर्मक्षेत्र था। भारत अनेक कदम आगे बढ़ा है, लेकिन अभी नई ऊंचाइयों पर पहुंचना बाकी है।
इसी लक्ष्य को पाने के लिए आज भारत के 130 करोड़ लोग नए भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। एक ऐसा नया भारत, जिसकी कल्पना सुभाष बाबू ने भी की थी।
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