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अयोध्या विवाद में यूं ही नहीं है श्रीश्री की कवायद, अब संघ प्रमुख से मुलाकात
ब्यूरो लखनऊ/नागपुर/नई दिल्ली: अयोध्या विवाद में श्रीश्री रविशंकर की कवायद यूं ही नहीं है। यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने और अयोध्या का दौरा कर लेने के बाद अब श्रीश्री रविशंकर ने नागपुर का रुख किया है। हालांकि, अयोध्या में वहां के संतों द्वारा उनकी इस यात्रा को बहुत महत्त्व नहीं दिया गया, लेकिन श्रीश्री ने राष्ट्रीय मीडिया से कहा, कि अधिकांश मुसलमान मंदिर के समर्थन में हैं।
श्रीश्री रविशंकर शुक्रवार (17 नवंबर) की शाम नागपुर पहुंचेंगे। वह शनिवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख डॉ. मोहन भागवत से मुलाकात करेंगे। ऐसा कहा जा रहा है कि दोनों के बीच राम मंदिर विवाद पर चर्चा होगी।
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आ सकता है नया फॉर्मूला
श्रीश्री की इस यात्रा से जुड़े सूत्रों का कहना है, कि वह अयोध्या में अगल-अलग पक्षकारों से हुई बातचीत का ब्योरा भागवत को देंगे। इस दौरान इस विवाद पर नया फॉर्मूला सामने आ सकता है। यह भी ध्यान देने वाली बात होगी कि श्रीश्री की अयोध्या यात्रा को लेकर विश्व हिन्दू परिषद् और खास तौर पर डॉ. रामविलास वेदांती की टिप्पणियों के बाद यह माना जा रहा था कि उनकी यह यात्रा विफल जैसी हो गई है। लेकिन जिस क्रम में वह आगे बढ़ रहे हैं और अब सीधे संघ प्रमुख से उनकी 'अंतरंग वार्ता' होने जा रही है उससे साफ़ हो गया है कि उनकी कवायद यूं ही नहीं है।
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'अंतरंग वार्ता’ में होंगे शामिल
नागपुर स्थित सूत्र बता रहे हैं, कि श्रीश्री रविशंकर तीन दिवसीय प्रोग्राम 'अंतरंग वार्ता’ के सिलसिले में शुक्रवार को यहां पहुंच रहे हैं। इसमें मोहन भागवत भी शामिल होंगे। दोनों के बीच बातचीत बंद कमरे में होगी। श्रीश्री की यात्रा को लेकर अलग-अलग खेमों से अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं अभी भी जारी हैं। इसी बीच संघ प्रमुख से उनकी मुलाकात की खबर ने अब सभी को गंभीर कर दिया है।
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कई अन्य मुद्दों पर भी बातचीत संभव
उल्लेखनीय है, कि निर्मोही अखाड़ा परिषद और विश्व हिंदू परिषद रविशंकर की मध्यस्थता का विरोध कर रहा है। ऐसे में इन्हें कैसे मनाया जाए, इस पर भी बातचीत हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, अयोध्या के अलावा गोरक्षा कानून का असर, घास पर जीएसटी के कारण गोवंश पालन में परेशानी समेत कई मुद्दों पर बातचीत हो सकती है।