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बैंक खातों को आधार से जोड़ना, RBI का नहीं सरकारी फैसला

Rishi
Published on: 21 Oct 2017 5:40 PM IST
बैंक खातों को आधार से जोड़ना, RBI का नहीं सरकारी फैसला
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नई दिल्ली : ऐसे समय में जब ग्राहक अपने सभी बैंक खातों को आधार से जोड़ने के लिए भागदौड़ में जुटे हैं, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने स्पष्ट किया है कि बैंक खातों को आधार से जोड़ना अनिवार्य है। बैंक ने साथ ही कहा कि उसने इस बारे में कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं, बल्कि यह भारत सरकार का फैसला है। शीर्ष बैंक ने स्पष्ट किया कि लागू मामलों में प्रिवेंशन ऑफ मनी लांडरिंग (मेंटनेंस ऑफ रिकार्डस) द्वितीय संशोधन नियम, 2017 के तहत आधार नंबर को बैंक खातों से जोड़ना अनिवार्य है।

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मनीलाइफ इंडिया द्वारा दायर सूचना के अधिकार (आरटीआई) आवेदन में 18 अक्टूबर को आरबीआई ने कहा, "सरकार ने 1 जून 2017 को मनी लांडरिंग (मेंटनेंस ऑफ रिकार्डस) द्वितीय संशोधन नियम, 2017 के संबंध में एक राजपत्र अधिसूचना जीएसआर 538(ई) में दूसरी बातों के साथ-साथ बैंक खाता खोलने के लिए आधार (जो आधार के लिए नामांकित होने के पात्र हैं) और स्थायी नंबर (पैन) देने को अनिवार्य बना दिया है। यह ध्यान देने योग्य है कि रिजर्व बैंक ने अभी तक इस संबंध में निर्देश जारी नहीं किए हैं।"

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अपनी स्थिति स्पष्ट करने हुए आरबीआई ने शनिवार को एक बयान में कहा, "जिन मामलों में लागू होता है। उसमें आधार नंबर को बैंक खाते से प्रिवेंशन ऑफ मनी लांडरिंग (मेंटनेंस ऑफ रिकार्ड्स) द्वितीय संशोधन नियम, 2017 के तहत जोड़ना अनिवार्य है। इसे 1 जून, 2017 के राजपत्र अधिसूचना में प्रकाशित किया गया है। ये वैधानिक नियम है और बैंकों को इस संदर्भ में आगे किसी निर्देश का इंतजार किए बिना इसे लागू करना है।"

सरकार ने बैंक खातों के लिए 12 अंकों के बॉयोमीट्रिक पहचान संख्या (आधार) को जोड़ना अनिवार्य कर दिया है और इसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2017 निर्धारित की गई है।



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Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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