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भंवरी देवी हत्याकांडः इंदिरा विश्नोई का सनसनीखेज खुलासा- भंवरी जिंदा है, मरी नहीं
जयपुर: राजस्थान के चर्चित भंवरी देवी हत्याकांड मामले में आरोपी इंदिरा विश्नोई ने एक नया खुलासा कर एक बार फिर हलचल मचा दी है। इंदिरा विश्नोई का कहना है कि भंवरी देवी अभी जिंदा है। बता दें कि इंदिरा को मध्य प्रदेश के देवास से गिरफ्तार किया गया था।
बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण एवं हत्याकांड की मास्टर माइंड इंदिरा विश्नोई ने दावा किया है कि भंवरी अभी जिंदा है और पुलिस ने जो हड्डियां बरामद की हैं वह उसकी नहीं थीं। गौरतलब है कि इस केस में इंदिरा सहित 16 लोग अभी जेल में बंद हैं। मामले की अगली सुनवाई 21 जून को होगी।
संन्यासी के भेष में देवास में छिपी थी
बता दें, कि इंदिरा विश्नोई करोड़ों की जायदाद की मालकिन हैं। जोधपुर की आलीशान हवेली छोड़ सीबीआई की आंखों में धूल झोंकने के लिए वह एक संन्यासी के भेष में देवास में छिपी हुई थी। शनिवार को सुनवाई के बाद कोर्ट से निकलते समय वहां मौजूद मीडिया से इंदिरा ने कहा, कि 'भंवरी देवी अभी जिंदा है।' वो कुछ और बोलती इससे पहले सुरक्षाकर्मी उसे जबरन वाहन में ले गए।
केस भटकाने की कोशिश तो नहीं
सीबीआई अधिकारियों का मानना है कि यह बयान देकर इंदिरा जांच की दिशा बदलने की कोशिश करने के साथ खुद को मानसिक रोगी साबित करने का प्रयास कर रही है। इंदिरा के वकीलों ने शुक्रवार को कोर्ट में यही दलील देकर राहत मांगी थी।
बयान से बवाल मच गया
इंदिरा विश्नोई के इस बयान के बाद बवाल मच गया। उसके वकील फरजंद अली ने भी कोर्ट में यही दलील दी, कि सीबीआई की चार्जशीट के आधार पर भंवरी जिंदा हो सकती है।
ये है पूरा मामला
उल्लेखनीय है, कि जोधपुर की भंवरी देवी 2011 के अगस्त माह के अंतिम दिनों में अचानक घर से गायब हो गई थी। सीबीआई का दावा है कि भंवरी की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। बाद में शव जलाकर उसकी राख को राजीव गांधी नहर में बहा दिया गया। नहर से सीबीआई ने कुछ हड्डियों के अवशेष खोज निकाले थे। उस वक़्त दावा किया गया था कि ये हड्डियां भंवरी की ही हैं। अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई के वैज्ञानिकों ने भी इस बात की पुष्टि की थी, कि हड्डियां भंवरी की ही हैं। मामले में भंवरी के पति ने एक सितंबर 2011 को पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी पत्नी लापता है।
पांच साल से फरार थी इंदिरा
इंदिरा विश्नोई पांच साल से भी अधिक समय से फरार थीं। वह सीबीआई को चकमा देकर इधर-उधर छिप रही थी। राजस्थान एटीएस की टीम ने 2 जून को उसे मध्य प्रदेश के देवास में नर्मदा तट से गिरफ्तार किया था। मजिस्ट्रेट ने उसे 3 जून को 7 दिन के रिमांड पर भेज दिया था।