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नीतीश के काफिले पर पथराव, तेजस्वी की सलाह-आत्मचिंतन करें
पटना : बिहार के बक्सर जिले के नंदन गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर शुक्रवार को गांव के दलित टोले के गुस्साए लोगों ने पथराव कर दिया। मुख्यमंत्री को तो चोट तो नहीं लगी, लेकिन एक दर्जन से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए और एक थानेदार का सिर फूट गया। इस घटना पर प्रतिपक्ष के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने मुख्यमंत्री को आत्मचिंतन करने की सलाह दी है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री अपनी विकास समीक्षा यात्रा के क्रम में डुमरांव प्रखंड के नंदन गांव गए थे। इसी दौरान गांव के ही अन्य टोले के लोगों ने मुख्यमंत्री के काफिले पर पथराव कर दिया। इस घटना में मुख्यमंत्री को चोट नहीं लगी। सुरक्षा में लगे कर्मियों ने मुख्यमंत्री को तत्काल वहां से सुरक्षित निकाल लिया और उन्हें हरियाणा फार्म में ले जाकर बैठाया।
बक्सर के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पत्थरबाजी में असामाजिक तत्वों का हाथ था। उन्होंने कहा कि इस घटना में कम से कम एक दर्जन सुरक्षाकर्मी घायल हो गए और कई वाहनों के शीशे टूट गए।
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दलित बस्ती के लोगों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे उनकी बस्ती में भी जाएं और देखें कि वे किस हाल में रह रहे हैं। वे चाहते थे कि नीतीश देखें कि विकास कार्य में उनके साथ किस तरह भेदभाव हो रहा है। लेकिन मुख्यमंत्री का काफिला दूसरी ओर मुड़ गया। यह देख वहां मौजूद कुछ महिलाओं ने काफिले पर ईंट-पत्थर बरसाना शुरू कर दिया। गामीणों का कहना था कि जब विकास ही नहीं हुआ है, तब समीक्षा किस बात की।
हरियाणा फार्म में आराम करने के बाद नीतीश ने डुमरांव में एक जनसभा को संबोधित किया। वहां भी उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। इस दौरान कई लोगों ने मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाए।
मुख्यमंत्री नीतीश ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, "मेरा मकसद राजधानी पटना से सरकार चलाने की नहीं है, बल्कि सरजमीं पर पहुंचकर वास्तविक विकास को देखना है। इसका उद्देश्य लोगों के बीच बिजली, सड़क और पेयजल पहुंचाना है।"
उन्होंने कहा कि उनका मिशन जारी है और आगे भी रहेगा। किसी के भ्रमित करने से वे लोगों की सेवा करने के अपने कामों से पीछे नहीं हटेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 272 करोड़ रुपये की लागत की 168 योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया।
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मुख्यमंत्री इन दिनों 'विकास समीक्षा यात्रा' के क्रम में राज्य के सभी जिलों का चरणवार दौरा कर रहे हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री धरातल पर जाकर विकास कार्यो को देख रहे हैं और अधिकारियों के साथ समीक्षा कर रहे हैं।
इधर, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने मुख्यमंत्री के काफिले पर हमले को बेहद चिंताजनक बताया और उन्हें आत्मचिंतन करने की सलाह दी।
उन्होंने कहा, "जिस दिन से समीक्षा यात्रा शुरू हुई, उसी दिन से हर जिले में मुख्यमंत्री को विरोध, प्रदर्शन और नारेबाजी का सामना करना पड़ रहा है। मैंने शुरू में ही कहा था, मुख्यमंत्री पहले अपने व्यक्तित्व और राजनीतिक चरित्र की समीक्षा करें।"
तेजस्वी ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा, "मुख्यमंत्री आत्ममनन और चिंतन करें कि हर जगह, हर समय और हर क्षेत्र के लोग उनका विरोध क्यों और किसलिए कर रहे हैं? मुख्यमंत्री बताएं कि किस असुरक्षा की भावना से ग्रस्त होकर वो शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास और रोजगार जैसी अतिजरूरी और गंभीर मसलों को छोड़कर दूसरा राग अलाप रहे हैं?"
उन्होंने कहा कि शायद मुख्यमंत्री पर हमले इसलिए तो नहीं हो रहे कि वे भाजपा नेता और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी को अपने साथ लेकर नहीं जाते।