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बिहार को मिले विशेष राज्‍य का दर्जा: नीतीश कुमार

sudhanshu
Published on: 17 Jun 2018 8:02 PM IST
बिहार को मिले विशेष राज्‍य का दर्जा: नीतीश कुमार
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नई दिल्‍ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को हुई नीति आयोग के गवर्निंग काउंसिल की बैठक में एक बार फिर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई है। उन्‍होंने कहा कि विशेष दर्जा मिलने से केंद्र की ओर से प्रायोजित योजनाओं में केंद्र की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी होगी, जिससे राज्य अपने संसाधनों का उपयोग अन्य विकास कार्यों में कर सकेंगे। इतना ही नहीं बल्कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नीति आयोग से 12 वीं पंच वर्षीय योजना के तहत स्वीकृत 12 हजार करोड़ की राशि में शेष 1651 करोड़ रुपए की राशि जारी करने की मांग भी की है।

कई राज्‍य औसत से नीचे

गवर्निंग काउंसिल को संबोधित करते हुए नीतीश कुमार ने कहा यदि अंतर-राज्यीय आंकड़ों की समीक्षा की जाए तो मिलेगा कि देश के कुछ राज्य विकास के मानदंडों में राष्ट्रीय औसत से काफी नीचे हैं। ऐसे में यह तर्कसंगत आर्थिक रणनीति होगी कि ऐसे राज्यों को प्रोत्साहन देकर राष्ट्रीय औसत तक पहुंचाया जाए। हमारी विशेष राज्य की मांग इसी अवधारणा पर आधारित है। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से केंद्रीय योजनाओं में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी में बढ़ोतरी होगी, जिससे राज्य अपने संसाधनों का उपयोग अन्य विकास कार्यों में कर सकेंगे। वहीं, विशेष राज्य के दर्जे के चलते मिलने वाले टैक्स छूट से निजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा। इससे नए कारखाने लगेंगे और लोगों को रोजगार मिलेगा।

बिहार की हिस्‍सेदारी में आई कमी

केंद्र और राज्यों के बीच राजस्व बंटवारे पर बोलते हुए नीतीश ने कहा कि 14वें वित्त आयोग की सिफारिश के कारण राज्यों को 32 फीसदी की जगह 42 फीसदी राशि तो मिली, लेकिन यह अतिरिक्त राशि केंद्र द्वारा केंद्रीय योजनाओं में अपनी देनदारी कम कर देने से काफी हद तक समायोजित हो गई। बिहार का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा पिछले चार वित्त आयोगों की रिपोर्ट के बाद बिहार की हिस्सेदारी में लगातार कमी आ रही है। 11वें वित्त आयोग में बिहार की राजस्व हिस्सेदारी 11.59 फीसदी थी, जो 12वें वित्त आयोग में घटकर 11.03 फीसदी, 13वें वित्त आयोग में 10.92 फीसदी और 14वें वित्त आयोग में घटकर 9.66 फीसदी हो गई।

नीतीश कुमार के अन्‍य सुझाव

नीतीश कुमार ने गांधी की 150वीं जयंती पर छोटे अपराधों में सजायाफ्ता कैदियों खासकर महिला कैदियों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के पुरूष कैदियों को सामूहिक क्षमादान देने की मांग की। इसके अलावा किसानों को ऋण माफी के स्थान पर इनपुट पर सब्सिडी देने की सिफारिश की। उकना मानना है कि इससे किसानों की लागत में कमी आएगी और किसान की आमदनी में इजाफा होगा।

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