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बीजेपी बोली- सभी पार्टियां हो राजी तो कर सकते हैं बैलट पर विचार
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन :ईवीएम: के बजाय मतपत्रों से चुनाव कराए जाने की विपक्ष की मांग पर अब बीजेपी भी सहमति जताती दिख रही है। बीजेपी का कहना है कि यदि सभी दलों के बीच सहमति बनती है तो भविष्य में ईवीएम की बजाय बैलट पेपर से चुनाव कराए जाने पर विचार किया जा सकता है।
नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बजाय मतपत्रों से चुनाव कराए जाने की विपक्ष की मांग पर अब बीजेपी भी सहमति जताती दिख रही है। बीजेपी का कहना है कि यदि सभी दलों के बीच सहमति बनती है तो भविष्य में ईवीएम की बजाय बैलट पेपर से चुनाव कराए जाने पर विचार किया जा सकता है।
कांग्रेस ने अपने 84वें महाअधिवेशन में शनिवार को बैलट पेपर से चुनाव कराने का प्रस्ताव पेश किया था। इसी संबंध में सवाल पूछे जाने पर बीजेपी महासचिव राम माधव ने यह बात कही।
राम माधव ने कहा, 'मैं कांग्रेस को याद दिलाना चाहूंगा कि बैलट पेपर की बजाय ईवीएम से चुनाव कराए जाने का फैसला बड़े स्तर पर सहमति बनने के बाद ही लिया गया था। अब आज यदि हर पार्टी यह सोचती है कि हमें बैलट पेपर पर लौट जाना चाहिए तो इस पर भी हम विचार कर सकते हैं।
आम चुनाव के बाद फिर उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के चुनाव में कई दलों ने ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। यहां तक कि गुजरात के चुनाव में भी पाटीदार नेता हार्दिक पटेल समेत कई लोगों ने ईवीएम को बीजेपी की जीत का कारण बताया था।
लेकिन मतपत्रों से चुनाव कराने से बूथ कैप्चरिंग का खतरा पहले की तरह ही हो जायेगा । अभी कोई टीएन शेषन जैसा मुख्य चुनाव आयुक्त नहीं जो इसे रोक सके । दूसरी बात ये कि मतपत्रों की गिनती में समय काफी लगता है। पिछले कई साल में जनता तुरंत परिणाम की आदी हो गई है । विधानसभा चुनाव में परिणाम यदि दूसरे दिन मिलेंगे तो लोकसभा के लिए तीन से चार दिन लगाने होंगे।
मतपत्रों में पहले सभी वोट को मिलाया जाता है । फिर उनकी छंटनी की जाती है । उसके बाद गिनती की जाती है । लोकसभा के लिए 7 या 8 लाख वोटों की गिनती कम से कम तीन से चार दिन ले लेती है ।