कमाई में अव्वल BJP-कांग्रेस, आय का ब्योरा देने में छोटी पार्टियों से भी पीछे

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By aman
Published on: 6 Sep 2017 10:37 AM GMT
कमाई में अव्वल BJP-कांग्रेस, आय का ब्योरा देने में छोटी पार्टियों से भी पीछे
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कमाई में अव्वल Bjp-Congress, आय का ब्योरा देने में छोटी पार्टियों से भी पीछे

नई दिल्ली: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने देश की सात राष्ट्रीय पार्टियों की वित्तीय साल 2015-16 में आय और उनके खर्च की रिपोर्ट तैयार की है। निर्वाचन आयोग को सौंपी सूचना के आधार पर ये रिपोर्ट तैयार की गई है।

एडीआर ने रिपोर्ट को पिछले 9 मई को जारी किया। एडीआर का कहना है, कि मिले चंदे से हुई खर्च की ऑडिट रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को 30 अक्टूबर 2016 तक दे देना था। इसमें बसपा, तृणमूल कांग्रेस और माकपा ही ऐसी पार्टी है जिन्होंने समय से रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को दी। केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने अपना ब्योरा इस साल 29 मई को दिया, जबकि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने इसे इस साल 11 जुलाई को सौंपा। दोनों दलों ने रिपोर्ट सौंपने में तय समय सीमा से 6 महीने से भी ज्यादा समय लिया।

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राष्ट्रीय पार्टियों के 2015-16 में आय और खर्च

देश की सात राष्ट्रीय पार्टियों की कुल आय 1,033 करोड़ 18 लाख रुपए थी। इन पार्टियों ने 754 करोड़ 45 लाख रुपए खर्च किए, जबकि 287 करोड़ 73 लाख रुपए बिना खर्च के रह गए। बीजेपी ने 570 करोड़ 86 लाख रुपए की चंदे से मिली आय की घोषणा की, जिसमें 132 करोड़ 6 लाख रुपए बिना खर्च के रह गए, जो कुल मिली रकम का 23.13प्रतिशत है। वहीं, कांग्रेस ने घोषणा में बताया, कि उसे 261 करोड़ 56 लाख रुपए की आय वित्तीय वर्ष 2015-16 में हुई, जिसमें 68 करोड़ 30 लाख रुपए खर्च नहीं हुए।

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आगे की स्लाइड्स में पढ़ें रिपोर्ट में और क्या कहा गया ...

कांग्रेस और बीजेपी की आय और खर्च की तुलना

वित्तीय वर्ष 2014-15 में बीजेपी को अन्य राजनीतिक दलों से ज्यादा चंदा मिला। बीजेपी ने चंदे के रूप में 970 करोड़ 43 लाख रुपए पाए, जबकि अगले वित्तीय साल 2015-16 में मिले चंदे में कमी आई और ये 41.17 प्रतिशत गिरकर 570 करोड़ 86 लाख रुपए रह गई। साल 2014-15 में चंदा उगाही के मामले में कांग्रेस दूसरे नंबर पर थी। ये रकम 593 करोड़ 31 लाख रुपए थी लेकिन इसमें अगले वित्तीय साल में कमी आई, जो घटकर 261 करोड़ 56 लाख रुपए रह गई।

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अज्ञात स्रोत से कांग्रेस बीजेपी की आय

वित्तीय वर्ष 2015-16 में कांग्रेस और बीजेपी की अज्ञात स्रोतों से आय 832 करोड़ 42 लाख रुपए थी। इसके अलावा पांच अन्य राजनीतिक दलों ने अपनी आय 97 करोड़ 27 लाख रुपए बताई। कांग्रेस और बीजेपी ने ज्ञात स्रोत जैसे सदस्यता फीस, बैंक से मिले ब्याज, संपत्ति की बिक्री और मुखपत्रों की बिक्री से 88 करोड़ 33 लाख रुपए जमा किए। बीजेपी और कांग्रेस ने आयकर में दाखिल रिर्टन में वित्तीय वर्ष 2015-16 में अज्ञात स्रोतों से आय की रकम 646 करोड़ 82 लाख रुपए बताई थी, जो इन दोनों पार्टियों को मिले कुल चंदे का 77.70 प्रतिशत थी। अज्ञात श्रोत से मतलब 20 हजार रुपए से कम के चंदे से हैं, जिसमें दानकर्ता का नाम और पता देना जरूरी नहीं होता।

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अज्ञात स्रोतों से हुई आय और आयकर रिर्टन

अज्ञात स्रोतों से आय के बारे में आयकर रिर्टन में बीजेपी ने कहा, कि उसे लोगों ने स्वेच्छा से 2015-16 में 459 करोड़ 56 लाख रुपए दिए, जो कुल अज्ञात आय का 80.5 प्रतिशत था। कांग्रेस ने आयकर रिर्टन में दिखाया कि उसे 167 करोड़ 96 लाख रुपए कूपन की बिक्री से मिले, जो हुई कुल आय का 25.97 फीसदी है।

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ये कहा था सुप्रीम कोर्ट ने

सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितम्बर 2013 को दिए अपने आदेश में कहा, कि 'चुनाव के वक्त प्रत्याशियों की ओर से दिए जाने वाले हलफनामें में कोई कॉलम खाली नहीं रखा नहीं जाना चाहिए, नहीं तो हलफनामे को सही नहीं माना जाएगा। किसी भी दानकर्ता का जो 20 हजार रुपए या उससे अधिक देता है उसका पूरा विवरण दिया जाना आवश्यक है। भूटान, नेपाल, जर्मनी, फ्रांस, इटली, ब्राजील, बुल्गारिया , जापान और अमरीका में ये पूरी तरह से आवश्यक है।'

एडीआर की सिफारिश

एडीआर ने सिफारिश की है कि तय तारीख तक यदि कोई राजनीतिक दल आयकर रिर्टन दाखिल नहीं करता या दानकर्ता का पूरा विवरण नहीं देता तो उसे कर में छूट नहीं दी जानी चाहिए। ऐसी पार्टी को अनाधिकृत किया जाना चाहिए। राष्ट्रीय राजनीतिक दल को सूचना के अधिकार कानून के तहत अपने आय और व्यय का पूरा ब्योरा देना जरूरी किया जाना चाहिए।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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