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BJP राष्ट्रीय कार्यकारिणी: शाह का दावा- 2019 चुनाव में मिलेगी बड़ी जीत
नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अध्यक्ष अमित शाह ने सोमवार (25 सितंबर) को दावा किया, कि लोकसभा के 2019 में होने वाले चुनाव में पार्टी को बड़ी जीत मिलेगी। 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारी को देखते हुए दिल्ली में दो दिन बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही है।
नेताओं के भाषण के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने संवाददाताओं को संबोधित किया। कहा, कि 'पार्टी अध्यक्ष ने कहा है कि लोकसभा के आगामी चुनाव में पार्टी बड़ी जीत हासिल करेगी। ये जीत 2014 के चुनाव में मिली जीत से भी ज्यादा बड़ी होगी।'
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शाह ने राहुल पर कसा तंज
यही ही नहीं, अमित शाह ने आतंकवाद, गंदगी और भ्रष्टाचार मुक्त भारत बनाने की भी बात कही। बैठक की शुरुआत में शाह ने अपने भाषण में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, 'वह आज-कल भारत की गरिमा को धूमिल कर रहे हैं। वंशवाद कांग्रेस की संस्कृति में है।'
केरल में करेंगे पदयात्रा
अमित शाह ने केरल में हिंसा की राजनीति करने वालों की निंदा की। कहा, हिंसा से बीजेपी और उसका कोई भी कार्यकर्ता डरने वाला नहीं है। पार्टी कार्यकर्ता 3-17 अक्टूबर तक केरल में पदयात्रा करेंगे।
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'न्यू इंडिया' का सपना पार्टी कार्यकर्ता पूरा करें
पीयूष गोयल ने कार्यकारिणी बैठक में लिए गए फैसलों के बारे मीडिया को बताते हुए कहा, 'अमित शाह ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में कहा, कि पार्टी कार्यकर्ता 3-17 अक्टूबर तक केरल में पदयात्रा करेंगे। पीयूष गोयल बोले, 'पीएम मोदी चाहते हैं कि हर भारतीय ने जिस न्यू इंडिया का सपना देखा है उसे पार्टी के हर कार्यकर्ता को पूरा करना होगा।'
आगे की स्लाइड में पढ़ें क्या है बीजेपी की रणनीति ...
विपक्षियों के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश
अमित शाह ने 2019 लोकसभा चुनाव में 360 सीटें जीतने की योजना तैयार की है। बीजेपी 18 राज्यों की उन 123 लोकसभा सीटों पर योजना लागू करेगी, जहां दूसरी पार्टियां मजबूत स्थिति में हैं। बीजेपी इस योजना को सबसे पहले वहां लागू करेगी, जहां पार्टी बेहद कमजोर है। इनमें मध्यप्रदेश की रतलाम, छिंदवाड़ा, गुना, हरियाणा की रोहतक, छत्तीसगढ़ की दुर्ग, पंजाब की अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, संगरूर, पटियाला जैसी 18 राज्यों की 123 लोकसभा सीटें हैं। ये सीटें कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों का अभेद्य गढ़ रही हैं।
बेस्ट टीम को बड़ी जिम्मेदारी
बता दें, कि इन जगहों पर कांग्रेस सहित विपक्ष के बूथ लेवल कार्यकर्ता को बीजेपी अपने साथ जोड़ने के लिए अभियान चलाएगी। साथ ही, देश की ढाई लाख पंचायतों में हारे हुए सरपंचों को भी अपने साथ जोड़ने की कोशिश करेगी। इस काम के लिए शाह ने अपनी बेस्ट टीम को जिम्मेदारी सौंपी है।
कांग्रेस को जड़ से कमजोर करने की रणनीति
लोकसभा की जिन सीटों पर बीजेपी कभी नहीं जीती या पिछली बार बड़े अंतर से हार गई, ऐसी सभी सीटों पर कांग्रेस के बूथ लेवल के वर्कर्स को पार्टी में शामिल करना, ताकि कांग्रेस को जड़ से कमजोर किया जा सके। चुनाव से पहले हर बूथ पर 20 दलितों की टोली तैनात होगी।
हारे सरपंच को जोड़ने की कवायद
18 राज्यों की 123 लोकसभा सीटों पर अगले दो महीने में बीजेपी के प्रत्याशियों का पैनल बनाकर कैंडिडेट तय करना, ताकि उन्हें तैयारी करने का पूरा समय मिले। वे क्षेत्र में जाकर लोगों को जोड़ सकें। देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में हारे सरपंच कैंडिडेट को जोड़ना। मौजूदा सरपंचों के खिलाफ एंटी इन्कम्बेंसी का डर है।
संघ मजबूत कर्ज नेटवर्क
कुछ इलाके के गांवों में कांग्रेस का नेटवर्क बीजेपी से मजबूत है। वहां कांग्रेस के बूथ वर्कर्स को बीजेपी की मेंबरशिप दिलाई जाए। इस काम में मदद संघ का स्थानीय नेटवर्क करेगा। जहां विपक्ष के नेताओं में फूट है, वहां दोनों गुटों में आपसी असंतोष को और बढ़ाना, ताकि उस स्थिति का फायदा बीजेपी उठा सके।
सोशल मीडिया के जरिए भी हल्ला बोल
जहां बीजेपी कमजोर है, वहां लोगों को जोड़ने के लिए मोदी की योजनाओं का प्रचार किया जाए। साथ ही आरटीआई और पीआईएल के जरिए आंदोलन खड़ा किया जाए। क्षेत्र के गैर सरकारी संगठन, सामाजिक काम करने वाली संस्थाओं से लगातार संपर्क करना। उनसे अच्छे रिश्ते बनाना, ताकि चुनाव में फायदा मिल सके। हर विधानसभा क्षेत्र में 5 वॉट्सऐप ग्रुप बनाकर 1250 लोगों को सोशल वारियर के रूप में तैयार करना। हर बूथ पर 20 दलितों को मेंबर बनाकर सक्रिय किया जाए।
ये भी मुख्य बातें
-अमित शाह ने इन 123 सीटों को 5-5 के क्लस्टर में बांटा है। हर क्लस्टर में मोदी दौरा करेंगे।
-25 लोगों के अलग-अलग कलस्टर बनाकर 4 से 7 सीटों पर संगठन खड़ा करने का जिम्मा होगा।
-कांग्रेस से आए हेमंत बिस्वा सरमा को पूर्वोत्तर की सात सीटों की कमान सौंपी गई है।
-कैबिनेट मंत्रियों को अलग-अलग सीटों पर पैनल तैयार करके देने का जिम्मा सौंपा गया है ।
अमित शाह का लक्ष्य कांग्रेस को न सिर्फ लोकसभा, विधानसभाओं से बाहर करना, बल्कि ग्राउंड पर उसका नेटवर्क खत्म करना है, ताकि उन स्थानों पर बीजेपी को लंबे समय के लिए मजबूत किया जा सके।