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करुणानिधि मरीना बीच पर अपने गुरु के बगल में दफन, अंतिम दर्शन को उमड़ी भीड़

Anoop Ojha
Published on: 9 Aug 2018 3:13 AM GMT
करुणानिधि मरीना बीच पर अपने गुरु के बगल में दफन, अंतिम दर्शन को उमड़ी भीड़
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चेन्नई: द्रविड़ मुनेत्र कड़गम(द्रमुक) के पितामह और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि को यहां बुधवार को मरीना बीच पर उनके गुरु सी.एन. अन्नादुरई के बगल में दफना दिया गया। यहां उनके अंतिम दर्शन के लिए लाखों लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे वहां भगदड़ मच गई, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। इससे पहले करुणानिधि को यहां दफनाने के लिए द्रमुक ने कानूनी लड़ाई जीती, जिसके बाद उन्हें यहां दफनाया जा सका।

दो घंटे तक चली अंत्येष्टि प्रक्रिया के दौरान दिवंगत नेता के बेटे और द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम.के. स्टालिन की अगुवाई में उन्हें राजाजी हॉल से मरीना बीच लाया गया। उनका पार्थिव शरीर तिरंगे में लिपटा हुआ था और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम विदाई दी गई।

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जब उनके पार्थिव शरीर के बक्से को कब्र में ले जाया जा रहा था, सेना के बैंड ने उनके सम्मान में 'ऑनरिंग दोज हू सव्र्ड' संगीत बजाया। बिगुलवालों ने अंतिम सलामी दी और बंदूकधारियों ने उन्हें 21 बंदूकों की सलामी दी। उनके पार्थिव शरीर को नारे के बीच शाम सात बजे दफनाया गया।

फूल से सजे सैन्य वाहन में करुणानिधि को राजाजी हॉल से जैसे ही बाहर लाया गया, हजारों की संख्या में कतार में खड़े महिला व पुरुषों ने अपने प्रिय नेता को अंतिम विदाई दी और गरीबों व वंचितों के लिए उनके द्वारा किए गए काम को याद कर नारे लगाए।

तार्किक सोच में विश्वास रखने वाले करुणानिधि के पार्थिव शरीर को चंदन के बक्से में रखा गया था और उन्हें कब्र में बिना किसी धार्मिक रीति रिवाज के दफनाया गया। उनके द्वारा कहे गए शब्द, 'जो व्यक्ति बिना थके काम करता है, वह यहां आराम करता है' को चंदन के बक्से पर उकेरा गया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ ही कई राष्ट्रीय स्तर के विपक्षी नेताओं ने कुरुणानिधि को श्रद्धांजलि अर्पित की।

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करुणानिधि को अंतिम विदाई देने वालों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(राकपा) के नेता शरद पवार, नेशनल कांफ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, समाजवादी पार्टी(सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के नेता तेजस्वी यादव, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, प्रकाश करात, केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी. नारायणसामी, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल थे।

इसके अलावा अंत्येष्टि स्थल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन और साथ ही द्रमुक के 95 वर्षीय महासचिव के. अनबलागन और करुणानिधि के परिजन मौजूद थे।

जब करुणानिधि के पार्थिव शरीर को दफनाया जा रहा था, स्टालिन और उनकी बहन सेल्वी रोने लगे। स्टालिन को सुबह भी अंत्येष्टि स्थल की कानूनी लड़ाई जीतने के बाद भी रोते देखा गया।

अंत्येष्टि स्थल को लेकर अन्ना द्रमुक सरकार के खिलाफ कानूनी लड़ाई जीतने के बाद भी, तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित, मुख्यमंत्री ई. पलनीस्वामी, उपमुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने सुबह राजाजी हॉल में करुणानिधि को श्रद्धांजलि दी।

मध्यरात्रि को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश एच. रमेश की अगुवाई में मद्रास उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ ने सरकार के पक्ष को ठुकरा दिया और करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर दफनाने की मंजूरी दे दी।

राजाजी हॉल के समीप उस समय अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गई, जब लाखों की संख्या में लोग अपने प्रिय नेता के दर्शन के लिए उमड़ पड़े। उनके पार्थिव शरीर के समीप आने के प्रयास के दौरान मची अफरा-तरफरी को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा, जिसके बाद भगदड़ में एक 60 वर्षीय महिला समेत दो लोगों की मौत हो गई। घटना में कम से कम 35 लोग घायल हो गए।

विशेष विमान से दिल्ली से आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी राजाजी हॉल में करुणानिधि को श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मोदी ने करुणानिधि के बेटे और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी एम.के. स्टालिन और उनकी बेटी व सांसद कनिमोझी को ढांढस बंधाया।

मोदी ने बाद में ट्वीट किया, "करुणानिधि ने तमिलनाडु, गरीबों और वंचितों के हित के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। यद्यपि उनका निधन हो गया है, लेकिन वह करोड़ों लोगों के दिलों में अभी भी मौजूद हैं।"

दिल्ली में, संसद के दोनों सदनों में उन्हें श्रद्धांजलि दी गई और सदन को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया गया। उनके सम्मान में राष्ट्रध्वज को आधा झुका दिया गया और पूरे दिन के लिए सभी सरकारी कार्य रद्द कर दिए गए।

--आईएएनएस

Anoop Ojha

Anoop Ojha

Excellent communication and writing skills on various topics. Presently working as Sub-editor at newstrack.com. Ability to work in team and as well as individual.

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