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क्या दिल्ली में जल्द हो सकता है मध्यावधि चुनाव? इस वजह से दिखने लगी है संभावना
नई दिल्ली: 'लाभ का पद' मामले में फंसे आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों को चुनाव आयोग से झटका लगा है। चुनाव आयोग लाभ के पद वाले मामले में फंसे आप के 21 विधायकों के खिलाफ सुनवाई जारी रखेगा। ऐसे में चुनाव आयोग के फैसले के बाद दिल्ली में मध्यावधि चुनाव की संभावनाएं दिखने लगी हैं। ये बात भी सामने आ रही है कि एक-दो सुनवाई के बाद आयोग अपना फैसला राष्ट्रपति को सौंप देगा। बता दें, कि आप ने चुनाव आयोग से यह मामला खत्म करने की अपील की थी।
गौरतलब है, कि प्रशांत पटेल नामक व्यक्ति ने आप के 21 एमएलए के खिलाफ लाभ के पद के मामले में चुनाव आयोग में याचिका दायर की थी। हालांकि, आयोग ने विधायक जरनैल सिंह के खिलाफ कार्यवाही बंद कर दी थी।
याचिकाकर्ता ने दी थी ये दलील
इस मामले में चुनाव आयोग ने आदेश में कहा, कि आयोग का स्पष्ट मत है कि आप विधायक 13 मार्च 2015 से 8 सितंबर 2016 के दौरान ‘डी फैक्टो’ संसदीय सचिव थे। याचिकाकर्ता ने दलील दी है कि 'चुनाव आयोग में चल रहे मामले में अदालत के फैसले का कोई असर नहीं पड़ना चाहिए। क्योंकि ये विधायक हाईकोर्ट द्वारा उनकी नियुक्ति रद्द किए जाने तक इन पदों का लाभ ले रहे थे।'
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हाईकोर्ट ने पदों के सृजन को भी खारिज किया था
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 8 सितंबर 2016 को न सिर्फ आप के विधायकों की संसदीय सचिव के रूप में नियुक्ति पर रोक लगा दी थी, बल्कि इन पदों के सृजन को भी खारिज कर दिया था।
ये है मामला
बता दें, कि 13 मार्च 2015 को आप सरकार ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाने का फैसला किया। 19 जून 2015 को युवा वकील प्रशांत पटेल ने इसके खिलाफ राष्ट्रपति को याचिका दी थी। इसके बाद 24 जून को आनन-फानन में सरकार ने दिल्ली मंत्रिमंडल की बैठक बुलाकर केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति लिए बिना संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से अलग करने का फैसला किया। इसके बाद राष्ट्रपति ने संसदीय सचिव के मामले को चुनाव आयोग के पास भेज दिया। चुनाव आयोग ने इस पर महीनों सुनवाई की। इसी बीच हाई कोर्ट ने एक अलग याचिका पर सुनवाई करते हुए संसदीय सचिव के पद को गैरकानूनी घोषित कर दिया।
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यह बन रही संभावना
जानकार मानते हैं कि दिल्ली के सीएम और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार और अफसरों पर पर काम न करने देने का आरोप लगाकर सीधे मध्यावधि चुनाव कराने का जोखिम ले सकते हैं। माना जा रहा है कि अगर ऐसा हुआ तो इस साल के आखिर तक चुनाव हो सकता है।