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सतना में हिंदूवादियों का इसाई समुदाय पर कहर, पुलिस पर साथ देने का आरोप

Rishi
Published on: 15 Dec 2017 4:33 PM GMT
सतना में हिंदूवादियों का इसाई समुदाय पर कहर, पुलिस पर साथ देने का आरोप
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सतना : मध्य प्रदेश के सतना जिले में हिंदूवादी संगठन से जुड़े युवकों ने गुरुवार की रात क्रिससम की तैयारियों में जुटे इसाई समुदाय के लोगों पर हमला बोल दिया। धर्मातरण का आरोप लगाते हुए उनसे मारपीट की और एक पादरी की कार को आग के हवाले कर दिया। इन युवकों की शिकायत पर पुलिस ने एक पादरी फादर जॉर्ज एम को गिरफ्तार कर लिया, बाद में छोड़ दिया। विभिन्न राजनीतिक दलों ने हिंदूवादियों की इस कार्रवाई को 'तालिबानी संस्कृति का प्रतीक' बताया है। वहीं भाजपा ने आरोपों को नकारा है।

वहीं, पुलिस ने सत्ताधारियों के प्रति वफादारी दिखाते हुए उत्पातियों पर कार्रवाई करने के बजाय पीड़ितों को ही हिरासत में ले लिया और छह लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज कर लिया।

इसाई समुदाय के फादर रोनी वर्गीज ने शुक्रवार को बताया कि शहर से 15 किलोमीटर दूर दराकलां गांव में स्थित चर्च में पादरी बनने का प्रशिक्षण लेने आए छात्र क्रिसमस की तैयारी में जुटे थे और इसी क्रम में जगह-जगह क्रिसमस कैरोल गाए जा रहे थे और नाटक का मंचन किया जा रहा था। क्रिसमस की तैयारियों के अंतिम दिन गुरुवार को कुछ युवक आए और धर्मातरण का आरोप लगाते हुए हंगामा करने लगे।

फादर वर्गीज के मुताबिक, "इन हिंदूवादी युवकों ने नारे लगाए और सिविल लाइन पुलिस को सूचना दी। पुलिस आई और दो फादरों व 32 छात्रों को अपने साथ थाने ले गई। उसके बाद आठ फादर मामले की जानकारी लेने गए तो उन्हें भी पुलिस ने थाने में बिठा लिया। इससे पहले, थाना परिसर में युवकों ने फादरों व छात्रों से मारपीट की। इसके बाद थाने के बाहर रखी एक फादर की कार में आग लगा दी।"

वर्गीज ने बताया कि कुछ उत्पाती तत्व धर्मातरण का आरोप लगा रहे थे, जबकि ऐसा कुछ नहीं था, सिर्फ क्रिसमस की तैयारी चल रही थी। फिर भी पुलिस ने फादर जॉर्ज एम को गिरफ्तार कर देर शाम सतना के जिला न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

नगर पुलिस अधीक्षक (सीएसपी) डी.डी. पांडे ने आईएएनएस को बताया कि धर्मेद्र दोहड़ नामक युवक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसका धर्मातरण करने के लिए उसे पांच हजार रुपये दिए गए। तालाब में स्नान कराया गया। उसका नाम बदलकर धर्मेद्र थॉमस कर दिया गया और कहा गया कि अब प्रभु यीशु की पूजा करना।

पांडे के मुताबिक, धर्मेद्र की शिकायत पर पुलिस ने फादर जॉर्ज एम और पांच अज्ञात लोगों पर प्रलोभन देने के आरोप में भारतीय दंड विधान की धारा 153 (ख), 11 (द) और 295 (क) के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जॉर्ज को गिरफ्तार किया गया। कुछ लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया गया। बाद में सभी को छोड़ दिया गया है। नामजद व्यक्ति पुलिस हिरासत में है।

थाने के बाहर फादर की कार जलाए जाने के मामले में पांडे का कहना है कि यह घटना शिक्षाधिकारी कार्यालय के बाहर की है। पुलिस ने इस घटना पर भी मामला दर्ज कर लिया है।

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्य सचिव बादल सरोज ने एक बयान जारी कर कहा है कि सतना में ईसाइयों की प्रार्थना-सभा पर हमला, उनकी गिरफ्तारी और पुलिस थाने में ही उनके वाहन को फूंक देने की घटना न्यूनतम शब्दों में कहा जाए तो एक 'तालिबानी' हरकत है।

उन्होंने आगे कहा कि भाजपा की संकीर्ण सोच और विभाजनकारी राजनीति ने इस देश को 'असभ्य समाज' की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। इस निंदनीय घटना के दोषियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई कर कानून के राज के अस्तित्वमान होने का प्रमाण दिया जाना चाहिए।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का कहना है, "चित्रकूट विधानसभा के उपचुनाव में मिली हार के बाद भाजपा विंध्य क्षेत्र का भगवाकरण करना चाहती है। उसी के तहत यह कृत्य किया गया है। बाद में बात बिगड़ने लगी तो एक व्यक्ति को सामने लाकर धर्मातरण का आरोप लगा दिया।"

भाजपा की प्रदेश इकाई के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने सफाई दी कि सतना की घटना के पीछे आपसी विवाद भी हो सकता है। भाजपा और उससे जुड़े संगठनों का कभी भी इस तरह की घटनाओं से वास्ता नहीं रहा है। भाजपा हमेशा लोकतांत्रिक तरीके से संवाद करती है। पिछले मामलों में भी भाजपा व अन्य संगठनों पर आरोप लगे, मगर जांच में कुछ और आया। यह घटना भी वैसी ही कुछ निकलेगी।

उन्होंने कहा, "कर्नाटक में गौरी लंकेश की हत्या के मामले में हम पर उंगली उठी, मगर बाद में क्या सामने आया, उसे पूरा देश जानता है।"

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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