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कावेरी विवादः बेंगलुरु में फूंकीं 100 गाड़ियां, 7 क्षेत्रों में कर्फ्यू, पुलिस फायरिंग में 1 मरा
कावेरी जल विवाद को लेकर दो राज्यों (कर्नाटक और तमिलनाडु) के बीच चली आ रही तनातनी ने सोमवार को उग्र हो गए। बेंगलुरु के पास प्रदर्शनकारियों ने करीब 25 बसों को आग के हवाले कर दिया तमिलनाडु तक जाने वाली बस सेवाएं रोक दी गई हैं। बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिसफोर्स को तैनात कर दिया गया स्कूल और कॉलेज को भी बंद कर दिया गया है। इस मामले में 200 से ज़्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है. हालात बिगड़ते देख कई इलाकों में धारा 144 लगा दी गई।
बेंगलुरु: कावेरी जल विवाद को लेकर दो राज्यों (कर्नाटक और तमिलनाडु) के बीच चली आ रही तनातनी से सोमवार को लोग उग्र हो गए। बेंगलुरु के पास प्रदर्शनकारियों ने 81 बसों समेत 100 गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। तमिलनाडु बॉर्डर पर भारी संख्या में पुलिसफोर्स तैनात की गई है। स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। इस मामले में 200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस फायरिंग में एक की मौत के बाद हालात बिगड़ते देख बेंगलुरु के 7 थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है।
सोमवार सुबह चेन्नई के न्यू वुडलैंड्स होटल पर एक तमिल संगठन ने हमला कर दिया हमलावरों ने होटल की खिड़कियों के शीशे तोड़े और पर्चे भी फाड़े जिसमें लिखा हुआ था कि कर्नाटक में तमिल लोगों पर हमला किया गया, तो इसका बदला लिया जाएगा। इस मामले में कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने तमिलनाडु की सीएम जयललिता को राज्य के हालात को लेकर लेटर भी लिखा है।
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क्या है मामला ?
-पिछले हफ्ते कर्नाटक को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह कावेरी नदी से तमिलनाडु के लिए अगले दस दिन तक रोज़ाना 15 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़े।
-कावेरी दोनों ही राज्यों से होकर गुज़रती है।
-वहीं सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक की एक याचिका पर सुनवाई की।
-जिसमें राज्य ने कहा था कि वह 15 हज़ार क्यूसेक पानी नहीं छोड़ पाएगा।
-इस पर कोर्ट ने अपने आदेश में बदलाव करते हुए कर्नाटक से 20 सितंबर तक हर दिन 12 हज़ार क्यूसेक पानी छोड़ने के लिए कहा है।
-आदेश में किए गए इस बदलाव से कर्नाटक को तो कोई राहत नहीं मिली।
-कन्नड़ समर्थकों का कहना है कि कर्नाटक के पास खुद की जरूरतों के लिए ही पानी नहीं है।
-उनका कहना है कि सिंचाई और पीने के लिए कम पानी है। ऐसे में पानी नहीं छोड़ा जाना चाहिए।