×

CBSE: 16,000 स्कूलों पर कसी नकेल, टीचरों का शोषण करने वाले अब नपेंगे

aman
By aman
Published on: 8 Sept 2017 4:00 PM IST
CBSE: 16,000 स्कूलों पर कसी नकेल, टीचरों का शोषण करने वाले अब नपेंगे
X
CBSE: 16,000 स्कूलों पर गिरी गाज, टीचरों का शोषण करने वाले अब नपेंगे

उमाकांत लखेड़ा

नई दिल्ली, ब्यूरो: सीबीएसई में पिछले दिनों नए चेयरमैन की नियुक्ति होते ही उन सभी प्राइवेट संबद्ध स्कूलों की मुश्किलें बढ़ गई हैं, जो अपने यहां नियुक्त टीचरों को तय वेतनमान से कम तनख्वाह पर काम कराते हैं तथा उनसे अधिक मासिक वेतन पर हस्ताक्षर करवाते हैं। ऐसे स्कूलों को हिदायत जारी कर दी गई है, कि यदि उन्होंने नए आदेशों को नहीं माना, तो उनकी मान्यता निरस्त हो सकती है।

ये भी पढ़ें ...CBSE ने बदला आदेश, अब स्कूल बेच सकेंगे NCERT बुक्स और अन्‍य स्‍टडी मेटेरियल

सरकार की इस सख्ती की गाज 19,000 में से 16,000 स्कूलों पर पड़ सकती है, जो सीबीएसई से संबद्ध हैं। अब उन्हें वेतन सीधे अध्यापकों के खातों में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसफर के माध्यम से भेजनी होगी, जिससे कम वेतन देकर लाखों प्राइवेट टीचरों का वर्षों से चले आ रहे शोषण पर कुछ हद तक विराम लग सकेगा।

ये भी पढ़ें ...SC ने CBSE को दिया आदेश, नीट परीक्षा के लिए सभी भाषाओं में एक जैसे हो प्रश्नपत्र

लगातार मिल रही थी शिकायतें

सरकार को इस बात की लगातार शिकायतें मिलती रहती थीं, कि सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में बड़े पैमाने पर वेतन में फर्जीवाड़ा चल आ रहा है और उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

आंतरिक फीडबैक से उजागर हुआ मामला

सूत्रों का कहना है, कि सीबीएसई की आंतरिक फीडबैक टीमों ने कई बार इस तरह की शिकायतों को उजागर किया था। विशेषज्ञों ने भी सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया था कि कम वेतन और शोषण की वजह से सीबीएसई से संबंद्ध स्कूलों में अध्यापक मन से नहीं पढ़ाते हैं। इसी कारण बड़ी तादाद में स्कूली बच्चों का भविष्य अंधकार में चला जाता है।

ये भी पढ़ें ...CBSE NET 2017: यूजीसी ने परीक्षा में किया बदलाव, अक्टूबर में होंगे एग्जाम

आगे की स्लाइड में पढ़ें पूरी खबर ...

करवाल के आते ही हो रहे बड़े सुधार

ज्ञात रहे, कि सरकार ने हाल में ही गुजरात कैडर की आईएएस अधिकारी अनिता करवाल को नया चेयरमैन बनाया था। उनके चार्ज संभालते ही सीबीएसई में बड़े पैमाने पर नए सुधारात्मक कदम उठाने की शुरुआत हो गई है।

मूल डिग्रियां रख लेते थे गिरवी

मानव संसाधान विकास मंत्रालय के पास बड़ी तादाद में ऐसी गंभीर शिकायतें आ रही थीं, कि सीबीएसई के प्राईवेट स्कूलों की मैनेजमेंट अपने यहां कार्यरत टीचरों की मूल डिग्रियां व दूसरे कागजात गिरवी रख लेते थे जिससे वे दूसरे स्थानों पर नौकरियां नहीं तलाश पाते थे। शोषण की इस परिपाटी से उनका अपना अध्यापन कैरियर भी अंधकार में चला जाता था।

ये भी पढ़ें ...दिल्ली हाई कोर्ट ने CBSE से नंबरों की गड़बड़ी को लेकर मांगा जवाब

रेगुलर टीचर ही नियुक्त करने होंगे

सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि कुछ अपवादों को छोड़कर निजी स्कूल प्रबंधकों को रेगुलर टीचर ही नियुक्त करने होंगे। साथ ही दसवीं व बारहवीं कक्षा के टीचरों के लिए अलग अलग नियमावलियां बनाने को कहा है। स्कूल प्रबंधनों को यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि अध्यापकों से अध्यापन के अलावा कोई दूसरा काम नहीं ले सकेंगे।

aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story