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CBSE की गाइडलाइन: स्कूलों में लगाएं CCTV, स्टाफ का हो मनौवैज्ञानिक टेस्ट

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By aman
Published on: 15 Sep 2017 12:56 AM GMT
CBSE की गाइडलाइन: स्कूलों में लगाएं CCTV, स्टाफ का हो मनौवैज्ञानिक टेस्ट
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CBSE की स्कूलों को नई गाइडलाइन: लगाएं CCTV, स्टाफ का मनौवैज्ञानिक टेस्ट हो

नई दिल्ली: गुरुग्राम के रयान इंटरनेशनल स्कूल में छात्र प्रद्युम्न की हत्या के बाद सीबीएसई ने सभी एफिलिएटेड स्कूलों को सुरक्षा से जुड़े निर्देश जारी किए हैं। स्कूलों को कहा गया है कि संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी लगाए और सुनिश्चित करें कि वो हमेशा काम करते रहें।

सीबीएसई ने सभी स्कूलों को दो महीने के भीतर स्थानीय पुलिस से स्कूल परिसर और स्कूल स्टाफ का सेफ्टी और सिक्योरिटी ऑडिट कराकर दो महीने में रिपोर्ट सीबीएसई वेबसाईट पर अपलोड करने को कहा है। सीबीएसई के उपसचिव जयप्रकाश चतुर्वेदी ने सभी सीबीएसई स्कूलों को ये निर्देश जारी किया है।

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नॉन-टीचिंग स्टाफ का हो मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन

सीबीएसई ने स्कूलों से ये भी कहा है कि स्कूल में काम करने वाले नॉन-टीचिंग स्टाफ यानि बस ड्राईवर, कंडक्टर, माली, चपरासी, सपोर्टिंग स्टाफ सबका सिक्योरिटी ऑडिट के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन भी कराएं। ये साईकोमेट्रिक टेस्ट सावधानीपूर्वक और विस्तार में कराए जाएं। सपोर्टिंग स्टाफ को अधिकृत एजेंसी से हायर करें, जिसका पूरा रिकार्ड हो। अभिभावक और अध्यापकों तथा छात्रों को मिलाकर एक कमिटी बने जो सुरक्षा संबंधी जरूरतों पर सुझाव दे।

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गाइडलाइन में ये भी

सीबीएसई के गाइडलाइन में कहा गया है, कि 'स्कूल परिसर में छात्रों की सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल स्कूल प्रशासन पर होगी। यह बच्चे का मूलभूत अधिकार है कि वह ऐसे वातावरण में पढ़ाई करे जिसमें वह सुरक्षित महसूस करे और किसी तरह के शारीरिक या भावनात्मक उत्पीड़न से मुक्त हो।' इसमें यह भी कहा गया है कि स्कूल बिल्डिंग में किसी बाहरी शख्स का प्रवेश नियंत्रित होना चाहिए और आने वाले गेस्ट की निगरानी होनी चाहिए।

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बच्चों की सुरक्षा में चूक पर होगी कार्रवाई

सीबीएसई की ओर से जारी गाइडलाइन में ये भी कहा गया है कि 'बच्चों की किसी तरह के उत्पीड़न से सुरक्षा संबंधी जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए स्कूल कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।' साथ ही स्कूल परिसर में बच्चों की सुरक्षा और कुशलता के संबंध में किसी तरह की चूक पर उचित कार्रवाई की जाएगी। इसमें बोर्ड के एफलिएशन नियमों के प्रावधानों के तहत स्कूल की मान्यता वापस लेना शामिल है।

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हो समितियां गठित

स्कूलों से कहा गया है कि लोगों, कर्मचारियों, अभिभावकों और छात्रों की शिकायतों के समाधान के लिए अलग समितियां गठित की जाएं। साथ ही यौन उत्पीड़न पर एक आतंरिक शिकायत समिति और पोक्सो कानून, 2012 के तहत समितियां बनें।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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