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आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम : सुब्रह्मण्यम

Rishi
Published on: 31 Jan 2018 1:22 PM GMT
आरबीआई से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद कम : सुब्रह्मण्यम
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नई दिल्ली : आरबीआई की द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा की अगले सप्ताह घोषणा होने से अपने ब्याज दरों में कटौती के मसले पर मुखर रहने वाले मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रह्मण्यम का सुर थोड़ा धीमा हुआ है। अब वह कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा होने से महंगाई में बढ़ोतरी का तर्क देने लगे हैं और आरबीआई से ब्याज दर में कटौती की उम्मीद कम कर रहे हैं।

आर्थिक समीक्षा 2017-18 जारी होने के बाद समाचार चैनल सीएबीसी टीवी 18 से बातचीत में सुब्रह्मण्यम ने कहा कि खुदरा महंगाई आरबीआई के औसत लक्ष्य को पार कर गई है और यह चक्र बदल गया है।

उन्होंने कहा, "पिछले 18 महीने में महंगाई का हमारा लक्ष्य कम होता गया, लेकिन अब हम उसके आसपास हैं (आरबीआई का औसत लक्ष्य), इसलिए जाहिर है कि अब इसमें कमी की गुंजाइश कम है। महंगाई लक्ष्य के करीब लग रही है।"

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पिछले महीने मौद्रिक समीक्षा में आरबीआई ने महंगाई में बढ़ोतरी का हवाला देते हुए प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था और अल्पावधि ऋणों के लिए ब्याज दर अर्थात रेपो रेट को छह फीसदी पर कायम रखा था। केंद्रीय बैंक ने चालू वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर 4.3-4.7 रहने की उम्मीद जताई है।

खाद्य सामग्री और ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण दिसंबर में भारत की वार्षिक महंगाई दर पिछले महीने की 4.88 फीसदी से बढ़कर 5.21 फीसदी हो गई।

मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) ने इस बात का संकेत दिया कि सरकार का वित्तीय घाटा लक्ष्य सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 3.2 फीसदी रहने के लक्ष्य से इस साल बढ़ सकता है, क्योंकि अगले साल 2019 में आम चुनाव है।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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